तेजी की ओर अग्रसर भारतीय बाजार
, मंगलवार, 4 दिसंबर 2007 (16:20 IST)
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राजेश पालवीयादिन-प्रतिदिन भारतीय बाजार विकास की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है। समृद्ध जीडीपी विकास और धीरे-धीरे अस्थायी अनुंबधों का उन्मूलन विकासशील भारतीय बाजार का सही मार्गदर्शन कर रहा है।गौरतलब है कि देश की जीडीपी वृद्धि दर वर्ष दर वर्ष 8.8 फीसदी के मुकाबले 9.2 फीसदी बढ़ रही है, जबकि पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह इसमें 3.01 से 3.21 की वृद्धि हुई है। भारतीय आर्थिक समिट के दौरान वित्तमंत्री ने कहा है कि केवल भारत और चीन विश्व के आर्थिक विकास का 60 प्रतिशत हिस्सा हैं। दिसंबर का महीना हमारे लिए दो वजहों से अधिक महत्वपूर्ण है। पहली वजह है 11 दिसंबर को अमेरिका में होने वाली ‘एफएमओसी’ की बैठक और दूसरी वजह है क्रिसमस के समय गुजरात चुनावों के परिणाम। इन दोनों ही घटनाओं का भारतीय बाजार पर काफी असर पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एफईडी की दरों में 25 अंकों की गिरावट आई है और आगे 60:40 के अनुपात यानी दर में 50 अंकों की गिरावट की संभावना है। यदि आगे चलकर 50 अंकों की गिरावट की स्थिति आती है, तो सितंबर के महीने जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वहीं अगर एफईडी की दरों में 25 अंकों की गिरावट आती है तो जाहिर है कि इसका विश्व बाजार पर प्रभाव पड़ेगा। गुजरात चुनावों का परिणाम यदि कांग्रेस के पक्ष में जाता है तो बाजार में काफी परिवर्तन देखे जा सकते हैं, जबकि भाजपा की सरकार बनने से बाजार में कुछ खास परिवर्तन नहीं होना चाहिए। उम्मीद है कि 6 दिसंबर शांतिप्रिय तरीके से गुजर जाएगा।
यदि हम निफ्टी के दैनिक चार्ट में दिए बाजार के विभिन्न पहलुओं का अलग-अलग अध्ययन करें तो पाएँगे कि भारतीय बाजार विकास की नई-नई बुलंदियों को छूने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हालाँकि इसमें प्रतिरोध भी हैं। निफ्टी को नई ऊँचाइयों तक पहुँचने में 5925-5940 बिंदु महत्वपूर्ण प्रतिरोध है। अगर हम निफ्टी के इन प्रतिरोधों ब्रेक कर पाएँगे तो हमारा बाजार तेजी से विकास की ओर अग्रसर होगा, जो कि 6100-6200 बिन्दु तक पहुँच सकता है। आगामी कारोबारी दिनों के लिए प्रतिरोध और समर्थन निम्नवत हैं-
(लेखक अरिहंत कैपिटल मार्केट लि. के मुख्य तकनीकी विश्लेषक हैं)
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