मुंबई। नोवेल कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें स्थिर रखने से गुरुवार को वैश्विक शेयर बाजारों के साथ ही घरेलू शेयर बाजार भी गिरावट में रहे और बीएसई का सेंसेक्स तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 3 सप्ताह से अधिक के निचले स्तर पर आ गया।
सेंसेक्स 284.84 अंक यानी 0.69 प्रतिशत लुढ़ककर 40,913.82 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 93.70 अंक यानी 0.77 प्रतिशत टूटकर 12,035.80 अंक पर रहा। यह दोनों का 8 जनवरी के बाद का निचला स्तर है।
बाजार में चौतरफा बिकवाली के बीच मझौली और छोटी कंपनियों पर ज्यादा दबाव रहा। बीएसई का मिडकैप 1.26 प्रतिशत की गिरावट में 15,556.34 अंक पर और स्मॉलकैप 0.92 प्रतिशत फिसलकर 14,703.96 अंक पर बंद हुआ।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने मुद्रास्फीति की दर में सुस्ती और कोरोना वायरस की चिंता के मद्देनजर ब्याज दरों को स्थिर रखा है। इससे शेयर बाजारों पर दबाव रहा। एशियाई शेयर बाजारों में दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.71 प्रतिशत, जापान का निक्की 1.72 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 2.62 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 2.75 प्रतिशत लुढ़ककर बंद हुआ। यूरोप में भी शुरुआती कारोबार में गिरावट रही। ब्रिटेन का एफटीएसई 0.60 प्रतिशत और जर्मनी का डैक्स 0.78 प्रतिशत कमजोर हुआ।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से ऊर्जा और तेल एवं गैस समूहों में सबसे ज्यादा गिरावट रही। एफएमसीजी, स्वास्थ्य और धातु समूहों के सूचकांक भी डेढ़ फीसदी से अधिक टूटे। सेंसेक्स की कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर ढाई प्रतिशत टूटे। इंडसइंड बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट में भी करीब 2 प्रतिशत की गिरावट रही। बजाज ऑटो ने डेढ़ प्रतिशत का मुनाफा कमाया।