Mumbai Stock Exchange: मुंबई। स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार दूसरे कारोबारी दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 317 अंक से अधिक चढ़ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों का पूंजी प्रवाह जारी रहने तथा एशिया तथा यूरोप के बाजारों में मजबूत रुख से बाजार को समर्थन मिला। 39 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 317.81 अंक यानी 0.51 प्रतिशत की बढ़त के साथ 62,345.71 अंक पर बंद हुआ।
यह 14 दिसंबर, 2022 के बाद सेंसेक्स का उच्चस्तर है। कारोबार के दौरान एक समय यह 534.77 अंक तक उछल गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 84.05 अंक यानी 0.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,398.85 अंक पर बंद हुआ। यह निफ्टी का 20 दिसंबर, 2022 के बाद यह उच्च स्तर है।
सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा मोटर्स तिमाही परिणाम की घोषणा के बाद करीब तीन प्रतिशत मजबूत हुआ। इसके अलावा आईटीसी, टेक महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर, लार्सन एंड टुब्रो, इन्फोसिस, टाटा स्टील और महिंद्रा एंड महिंद्रा प्रमुख रूप से लाभ में रहे।
घरेलू मांग बढ़ने और आपूर्ति व्यवस्था सुधरने से टाटा मोटर्स का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में 5,408 करोड़ रुपये रहा। चुनौतियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में भी कंपनी का लाभ मार्जिन सुधरने की उम्मीद है। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में मारुति सुजुकी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, बजाज फाइनेंस, एशियन पेट्स, बजाज फिनसर्व और नेस्ले इंडिया शामिल हैं।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 1,014.06 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने घरेलू शेयरों में रुचि दिखायी है और पहले पखवाड़े में 23,152 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में ज्यादातर लाभ में रहे। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को मामूली नुकसान में रहे।
इस बीच, वैश्विक स्तर पर जिंस कीमतों में नरमी से खाद्यान्न, ईंधन तथा उत्पादकों के लिये कच्चे माल की लागत कम होने से थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में तीन साल के सबसे निचले स्तर पर आ गई है। थोक महंगाई दर अप्रैल में शून्य से 0.92 प्रतिशत नीचे रही। उधर वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.24 प्रतिशत उछलकर 74.34 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta