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क्या होगी बाजार की दिशा?

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हमें फॉलो करें शेयर बाजार विदेशी बाजारों

राजेश पालवीया

, शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2008 (10:53 IST)
शेयर बाजार में ट्रिगर आया और चला गया लेकिन सवाल अब भी वह‍ी है कि आने वाले दिनों में बाजार की दिशा क्या होगी?

फेड कट का कोई असर नहीं- भारतीय बाजार पर फेड कट का कोई सकारात्मक असर नहीं पड़ा। आने वाले दिनों के लिए अहम सवाल यह है कि क्या बाजार में ट्रेडिंग का विश्वास बढ़ेगा ? विदेशी बाजारों का सकारात्मक असर भारतीय बाजारों पर नहीं पड़ा है, जिससे भविष्य के लिए कोई भी अनुमान लगाना आसान नहीं है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि क्या भारतीय बाजारों पर विदेशी बाजारों का यह नकारात्मक असर आगे भी कायम रहेगा या भारतीय बाजार इससे उबर जाएँगे।

यदि निफ्टी 5000 से 5500 अंकों के बीच रहता है तो फिर इसमें बढ़ोतरी की प्रबल संभावना है। बजट आने में अब कुछ ही दिन शेष हैं और जाहिर है कि बाजार पर इसका खासा असर रहेगा।

कैसा रहा गुरुवार का बाजार- बैंकिंग, रियलटी और इंजीनियरिंग कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का दबाव रहने से शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। बम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स लगातार चौथे दिन टूटता हुआ 109.93 अंक की गिरावट से 17648.71 अंक रह गया। नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी में 5137.45 अंक पर 30.15 अंक का नुकसान हुआ।

कारोबारियों के अनुसार रिजर्व बैंक के रिण एवं मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किए जाने से बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों में लगातार तीव्र बिकवाली देखी जा रही है। हालाँकि अमेरिका के फैडरल रिजर्व ने देश की अर्थव्यवस्था की मंदी को देखते हुए गत एक सप्ताह के भीतर ब्याज दरों में दूसरी बार कटौती की, किंतु यह समाचार यहाँ शेयर बाजारों में जान नहीं फूँक पाए।

एशिया के शेयर बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग 197.95 अंक के नुकसान से 23455.74 अंक रह गया। जनवरी माह के दौरान इसमें 15.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जो अक्टूबर 1997 के बाद एक माह का सर्वाधिक नुकसान है। चीन का शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स 0.78 प्रतिशत गिरकर पाँच माह के न्यूनतम स्तर 4383.393 अंक रह गया। इसमें भी जनवरी के दौरान पिछले एक दशक की दूसरी बड़ी गिरावट 16.7 प्रतिशत दर्ज की गई। इससे पहले पिछले साल नवम्बर में यह एक माह के दौरान 18.2 प्रतिशत नीचे आया था। जापान के निक्केई में 13592.47 अंक पर 200 अंक की बढ़त रही। यूरोप के बाजार स्थिर खुले।

मझौली और लघु कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का जोर रहने से बीएसई में नकारात्मक धारणा रही। सत्र में कुल 2792 कंपनियों के शेयरों में 977 अर्थात 34.99 प्रतिशत में लाभ 63.54 प्रतिशत अर्थात 1774 में नुकसान और 41 में स्थिरता थी। सेंसेक्स की तीस कंपनियों में 17 घाटे और 13 फायदे में रहीं।

नुकसान वाली श्रेणी में सर्वाधिक गिरावट हिंडाल्को के शेयर में 5.88 प्रतिशत की रही। इसका शेयर 165.75 रुपए पर 10.35 रुपए नीचे आया। रियलटी कंपनी डीएलएफ का शेयर 5.76 प्रतिशत अर्थात 49.65 रुपए गिरकर 812.55 रुपए रह गया।

*यह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।

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