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शेयर बाजार में तेजी की संभावना

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नई दिल्ली (वार्ता) , रविवार, 26 अगस्त 2007 (16:11 IST)
देश के शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह तेजी बनी रहने की अधिक संभावना है। बीते सप्ताह तीव्र उतार-चढ़ाव के झटके खाने के बाद शेयर बाजारों में चार सप्ताह से चली आ रही गिरावट को ब्रेक लगा और बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 283 अंक तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 82 अंक चढ़ गए।

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि आगामी सप्ताह शेयर बाजारों में तेजी की अधिक संभावना नजर आ रही है।

दिल्ली शेयर बाजार के पूर्व अध्यक्ष और ग्लोब कैपीटल मार्केट्स लिमिटेड के प्रमुख अशोक कुमार अग्रवाल का कहना है कि फिलहाल जो परिस्थितियाँ हैं, वह तेजी की तरफ इशारा कर रही हैं। बाजार तकनीकी सुधार से ऊबर चुका है। अमेर‍िका के साथ परमाणु संधि को लेकर मचा राजनीतिक बवाल भी काफी हद तक शांत पड़ गया है।

उधर अमेर‍िकी अर्थव्यवस्था के बारे जो शंकाएँ उत्पन्न हुई थी, वर्तमान में परिस्थितियाँ वैसी नहीं लग रही हैं। एमबीएन एम्रो बैंक ने जिन तीन कोषों को बंद किया था, उसे वह फिर शुरू करने जा रहा है, इसलिए अमेर‍िका के प्रापर्टी बाजार को लेकर डर पैदा हुआ था, वह काफी कम हुआ है।

बीते सप्ताह शेयर बाजारों में बड़ी उठापटक रही। अमेर‍िका के फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की अटकलों ने वैश्विक बाजारों में फिर से रंगत लौटाई है। इसका असर बीएसई सेंसेक्स पर भी देखने को मिला। सेंसेक्स 283.35 अंक बढ़कर 14424.87 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले सप्ताह के दौरान यह ऊँचे में 14680.09 अंक और नीचे में 13870.70 अंक तक आया। एनएसई का निफ्टी 82.10 अंक बढ़कर 4190.15 अंक पर पहुँच गया।

अग्रवाल का कहना है कि सीमेंट और इस्पात क्षेत्र के शेयरों में अच्छी संभावनाएँ नजर आ रही हैं, किंतु सूचना प्रौद्योगिकी को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।

उनके मुताबिक अमेर‍िका की अर्थव्यवस्था पर हाल की घटनाओं का क्या असर और रुपए कितना मजबूत होता है। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों का भविष्य इस पर अधिक निर्भर करेगा।

अमेर‍िका के फेडरल रिजर्व बैंकों को दिए जाने वाले ऋण पर आधा प्रतिशत कटौती के फैसले से सोमवार को शेयर बाजारों ने अच्छी दौड़ लगाई, किंतु अमेर‍िका के साथ परमाणु संधि पर लेफ्ट के कड़े तेवरों से सेंसेक्स ने 438 अंक का गोता लगाया।

निफ्टी अंक टूट गया। बुधवार को स्थिति फिर पलटी और सेंसेक्स 260 अंक बढ़ गया। गुरुवार को माकपा की केन्द्रीय समिति की बैठक में पोलित ब्यूरो के रुख का समर्थन किए जाने के बाद शेयर बाजारों में यह अफवाह जोरों से फैली की वामदलों ने केन्द्र की संप्रग सरकार से समर्थन वापस ले लिया।

सेंसेक्स करीब 400 अंक टूटा, किंतु बाद में स्थिति साफ होने पर यह उठा और मात्र 85 अंक नीचे रहा। शुक्रवार को परमाणु संधि पर वाम दलों की तल्खी कम होने के समाचारों से शेयर बाजार एक बार फिर उठ गए।

बीते सप्ताह पूँजीगत वस्तुओं, धातु और एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों को अच्छा समर्थन मिला, जबकि रिएलटी कंपनियों के शेयर मुनाफावसूली से दबे रहे।

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