Mahashivratri 2024 shiv mandir: यदि आप महाशिवरात्रि पर किसी खास शिव मंदिर में जाकर महादेव के दर्शन करना चाहते हैं तो हम आपके लिए लाएं हैं 5 खास मंदिरों की जानकारी। यहां जाकर आपको भी महसूस होगा कि हम शिवजी की ही शरण में हैं। इन मंदिरों में यदि आप कभी नहीं गए हैं तो इस बार अच्छा मौका है देवों के देव उमापति महादेव के दर्शन करने का।
1. बृहदीश्वर मंदिर: कहते हैं कि भगवान शिव को समर्पित तंजावुर या तंजौर का बृहदीश्वर मंदिर राजाराज चोल प्रथम ने 1004 से 1009 ईस्वी सन् के दौरान बनवाया था। 13 मंजिला इस मंदिर को तंजौर के किसी भी कोने से देखा जा सकता है। यहां जाकर आपको सचमुच में आश्चर्य होगा कि आप कहां आ गए हैं। इसे विशालकाय मंदिर आपने नहीं देखा होगा। मंदिर की ऊंचाई 216 फुट (66 मीटर) है। लगभग 240.90 मीटर लम्बा और 122 मीटर चौड़ा है।
2. महाकालेश्वर मंदिर : मध्य्रदेश के उज्जैन में महाकाल विराजमान हैं। आकाश में तारकलिंग, पाताल में हाटकेश्वर और इस मृत्युलोक में महाकालेश्वर ही एकमात्र ज्योतिर्लिंग है। यहां साक्षात महाकाल विराजमान हैं। कर्क रेखा के नीचे स्थित इस मंदिर की कहानी हनुमानजी और एक गोप बालक से जुड़ी है। यह मंदिर शिवजी का मुख्य स्थान माना जाता है।
3. केदारनाथ : केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। इसे अर्द्धज्योतिर्लिंग कहते हैं। नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर को मिलाकर यह पूर्ण होता है। यह मंदिर 79.0669 डिग्री लांगिट्यूड पर स्थित है। यहां स्थित स्वयंभू शिवलिंग अतिप्राचीन है। यहां के मंदिर का निर्माण राजा जन्मेजय ने कराया था और जीर्णोद्धार आदिशंकराचार्य ने किया था। यहां साक्षात शिवजी विराजमान हैं।
4. काशी विश्वनाथ मंदिर : शिवजी का धरती पर सबसे पहला निवास नहीं माना जाता है। उत्तर प्रदेश में स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर अनादिकाल से काशी में है। यह स्थान शिव और पार्वती का आदि स्थान है इसीलिए आदिलिंग के रूप में अविमुक्तेश्वर को ही प्रथम शिवलिंग माना गया है। इसका उल्लेख महाभारत और उपनिषद में भी किया गया है।
5. रामनाथ स्वामी मंदिर, रामेश्वरम् : तमिलनाडु में स्थित यह मंदिर 79.3174 E डिग्री लांगिट्यूड पर स्थित है। इसके शिवलिंग की स्थापना भगवान श्रीराम ने की थी और मंदिर की स्थापना पांडवों ने की थी। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां जाकर आप जहां शिवजी से जुड़ेगें वहीं रामजी से भी।