पं. दयानंद शास्त्री
महाशिवरात्रि का शुभ पर्व 21 फरवरी 2020 को है। इस दिन भक्त अपनी-अपनी श्रद्धानुसार पूजन-व्रत और विधान करते हैं। जो पूजन नहीं करते वे भी दीपक अवश्य जलाते हैं। आइए जानते हैं दीपक जलाने के पवित्र नियम...
कैसा हो दीपक
1- घी की जोत जलाने से परिवार में सुख समृद्धि होती है, यह सेहत के लिए भी शुभ है।
2- तिल की जोत हर प्रकार के रोगों का हरण करती है।
3- अरंडी के तेल से दाम्पत्य जीवन सुखी रहता है।
बाती:-
1- रूई की बाती शुभ होती है।
2- कमल नाल से बनाई बत्ती, पित्तरों द्वारा किए पापों का नाश करती है।
3- केले के तने की छाल के रेशे से बनी बाती पितृशाप से मुक्ति देती है, संतान योग होता है। सुख शांति होती है।
4- जटामांसी की छाल से बनी भूत-प्रेत बाधा नष्ट करती है।
5- नयी पीली साड़ी के टुकड़े से बनी बाती से मां पार्वती और भगवान शंकर की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त होते हैं, बीमारियां दूर होती है।
6-लाल साड़ी के टुकड़े से बनी बाती जलाने से शादी में अड़चन व रुकावटें दूर होती है। बांझपन व ऊपरी बाधा (भूत-प्रेत) दूर होते हैं।
7- सफेद कपड़े को गुलाब जल में भिगोकर सुखाकर बनी बाती जलाने से सुख समृद्धि बढ़ती है।
8 नीम का तेल, घी व महुआ का तेल मिलाकर जलाने से भोलेनाथ के साथ कुलदेवी व कुलदेवता प्रसन्न होते हैं। घर में खुशहाली होती है।
9-नारियल का तेल, घी, अरंडी का तेल, नीम तेल के दीपक से 47 दिनों तक भगवती की पूजन करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है। दांपत्य जीवन सुखी व समृद्ध होता है।
जोत जलाने का समय:-
1- प्रात: 3 से 5 बजे तक जोत जलाने से परिवार का कल्याण व समृद्धि होती है।
2-नौकरी की इच्छा वाले, अच्छा जीवन साथी अच्छी संतान की इच्छा वाले, घर में सुख-चैन की कामना करने वाले को गौधूली बेला में जोत जलानी चाहिए।
3- एक ज्योति जलाने से लाभ होता है। दो ज्योत जलाने से परिवार में एकता बढ़ती है।
4- तीन जोत जलाने से अच्छी संतान पैदा होती है।
5- चार जोत जलाने से पशुधन व जमीन जायदाद बढ़ती है।
6- पांच जोत जलाने से धन प्राप्ति व सर्व मंगलकारी व पांच देवताओं को प्रिय होती है।