Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

महाशिवरात्रि व्रत के लाभ, पूजन विधि, 4 प्रहर की पूजा और पारण का समय

हमें फॉलो करें महाशिवरात्रि व्रत के लाभ, पूजन विधि, 4 प्रहर की पूजा और पारण का समय
महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाता है। व्रत रखने वाले व्यक्ति की आत्मा शुद्ध हो जाती है। जो अविवाहित जातक हैं और मनचाहा वर पाना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। वहीं अगर किसी कन्या की शादी में बाधाएं आ रही हैं तो उसे यह व्रत जरूर रखना चाहिए। इस व्रत के माध्यम से विवाह समस्या हल हो जाएगी। यह व्रत दांपत्य जीवन में खुशियां लाता है। 
महाशिवरात्रि व्रत विधि
सुबह जल्दी उठें और नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं। 
इसके बाद जिस जगह पूजा करते हैं, वहां साफ कर लें। 
फिर महादेव को पंचामृत से स्नान करें। 
उन्हें तीन बेलपत्र, भांग धतूरा, जायफल, फल, मिठाई, मीठा पान, इत्र अर्पित करें। 
शिवजी को चंदन का तिलक लगाएं, फिर खीर का भोग लगाएं। 
दिन भर भगवान शिव का ध्यान करें, उनकी स्तुति करें। 
रात के समय प्रसाद रूपी खीर का सेवन कर पारण करें और दूसरों को भी प्रसाद बांटें। 
webdunia

महाशिवरात्रि का शुभ मुहू्र्त 
महाशिवरात्रि तिथि - 11 मार्च 2021, बृहस्पतिवार
निशिता काल का समय - 11 मार्च, रात 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक 
पहला प्रहर - 11 मार्च, शाम 06 बजकर 27 मिनट से 09 बजकर 29 मिनट तक 
दूसरा प्रहर - 11 मार्च, रात 9 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक 
तीसरा प्रहर - 11 मार्च, रात 12 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 32 मिनट तक 
चौथा प्रहर - 12 मार्च, सुबह 03 बजकर 32 मिनट से सुबह 06 बजकर 34 मिनट तक 
शिवरात्रि पारण का समय - 12 मार्च, सुबह 06 बजकर 34 मिनट से शाम 3 बजकर 02 मिनट तक
महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही महादेव और पार्वती की पूजा की जानी चाहिए तभी इसका फल मिलता है। महाशिवरात्रि पर रात्रि में चार बार शिव पूजन की परंपरा है।

webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कोरोना काल में घर पर भी कर सकते हैं महाशिवरात्रि का पूजन, जानिए सरलतम विधि