उज्जैन। दीपवाली पर अयोध्या में 12 लाख दीये जलाकर एक इतिहास रच दिया था और इस बार महाशिवरात्रि पर महाकाल बाबा की नगरी उज्जैन में 21 लाख दीपक जलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड तथा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की योजना बन रही है। मतलब 1 मार्च 2022 को इस बार शिवरात्रि का पर्व भव्य पैमाने पर मनाया जाएगा।
12 हजार कार्यकर्ता संभालेंगे कमान : पहले तय था कि 5 हजार शिवभक्त 21 लाख दीपकों से शहर को जगमगाएंगे। बात में तय हुआ कि दीयों को लगाने के लिए 12 हजार स्वयंसेवक भाग लेंगे। इसके लिए जिला पंचायत, शिक्षा विभाग, नगर निगम और स्मार्ट सिटी को जिम्मेदारी दी गई है। सभी दीपक एक साथ संध्या वंदन के समय यदि करीब 7 बजे शिप्राजी की छोटी आरती के समय जलाए जाएंगे। इससे पहले सायरन बजेगा और वॉलंटियर दीपक जलाना शुरू कर देंगे। सभी दीपक करीब एक घंटे तक जलेंगे। इसके लिए स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है। महाकाल मंदिर को भी दीपों से सजाया जाएगा। महाशिवरात्रि पर प्रतिवर्ष इस मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए लगभग 5 लाख से भी ज्यादा शिवभक्त आते हैं।
21 लाख दीपक करेंगे एक साथ प्रज्वलित : पहले शहर में 11 से 15 लाख दीप जलाने की योजना थी लेकिन अब 21 लाख दीप जलाए जाएंगे। महाशिवरात्रि पर शिप्रा नदी के भूखी माता मंदिर घाट से लेकर रामघाट तक 12 लाख दीपक लगाए जाएंगे। तीन लाख दीपक अलग-अलग जगहों, घरों और प्रतिष्ठानों में लगेंगे।
दीपोत्सव 2022 : शहर के मंत्री, विधायक, सांसद समेत अफसरों ने लोगों से अपील की है कि महाशिवरात्रि पर घरों और प्रतिष्ठानों में दीपक जरूर लगाएं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की इच्छा है कि इस बार महाशिवरात्रि पर उज्जैन में 'दीपोत्सव 2022' का आयोजन किया जाए। इसी के मद्देनजर शहर में एक साथ 11 लाख दीपकों को विभिन्न स्थानों पर जलाया जाएगा।
वर्ल्ड रिकॉर्ड की रिहर्सल : महाशिवरात्रि दीपोत्सव की तैयारियों में 21 फरवरी को टीम महाकाल व हरिओम जल अर्पण की महिलाओं के संयुक्त तत्वावधान में अन्नक्षेत्र स्थित मंदिर में लगभग 300 दीप प्रज्वलित कर पर्व की तैयारियों का अभ्यास किया गया। मंदिर अधिकारी गण जूनवाल, द्विवेदी, उदेनिया व आर.के. तिवारी के साथ ही हरिओम जल मंडल की सदस्याओं ने योजनाबद्ध दीप प्रज्वलित किए। जूनवाल ने कहा कि हजारों दीप एक साथ प्रकाशित हों इस हेतु विभिन्न टीमें बनाकर जिम्मेदारी सौंपी गई है। जनसहयोग की पराकाष्ठा के फलस्वरूप तन-मन-धन से सभी उत्साहित होकर सहयोग कर रहे हैं तथा दीप काफी देर तक लगातार प्रकाशित हों यह सुनिश्चित कर रहे हैं।
आएगा 40 लाख का खर्चा : उज्जैन के सूत्रों के अनुसार दीये प्रज्वलित करने के लिए तेल, मिट्टी के दीये और बाती आदि को मिलाकर लगभग 40 लाख रुपए का खर्च आ सकता है। जिसमें करीब 1500 तेल के डिब्बे लगने की संभावना है। 4 लाख रुपए की रुई की बाती भी आएगी।