शिवरात्रि के दिन व्रत करने वालों को सफेद बालू रेत के पार्थिव शिवलिंग बनाकर फल, पुष्प, चंदन, बिल्वपत्र, धतूरा, धूप, दीप और नैवेद्य आदि षोडश उपचार से महारात्रि को पांच बार पूजा करनी चाहिए।
दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अलग-अलग तथा सबको एक साथ मिलाकर पंचामृत से शिव को स्नान कराकर जल से अभिषेक करें। चारों प्रहर के पूजन में शिव पंचाक्षर 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जप करें।
भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान, इन आठ नामों से बिल्वपत्र, सफेद आकड़े के पुष्प, विशेष कर भस्म, इत्र, रुद्राक्ष, एवं नीलकमल अर्पित कर भगवान की आरती और परिक्रमा करें।