क्या आप जानते हैं कि तंत्र क्रियाओं के लिए शिवलिंग के कई प्रकार के होते हैं। अलग-अलग कामना की पूर्ति के लिए अलग-अलग शिवलिंग की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं विस्तार से...
अगर किसी व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय सताता है तो वह दुर्वा को शिवलिंग के आकार में गूंथकर उसकी पूजा करता है।
जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति आंवले से बने शिवलिंग का रुद्राभिषेक करता है।
तंत्र-मंत्र या फिर कैसी भी विशेष सिद्धि प्राप्त करने के लिए यज्ञ की भस्म से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा की जाती है।
संता सुख चाहने वाले जौ, गेहूं और चावल को समान मात्रा में मिलाकर इस मिश्रित आटे से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करते हैं।
किसी को अपने वश में करने के लिए तंत्र क्रिया करने वाले मिर्च, पीपल के चूर्ण में नमक मिलाकर शिवलिंग बनाते हैं और इसकी पूजा करते हैं।
जब किसी को अपने शत्रुओं का नाश करना होता है तो वह लहसुनिया से बना शिवलिंग तैयार कर उसकी पूजा करता है। इससे शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
पीपल की लकडी से भी शिवलिंग बनाया जाता है, अगर कोई व्यक्ति दरिद्र है तो वह पीपल की लकड़ी से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करता है, इस शिवलिंग की पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है।
सुख-समृद्धि की कामना के लिए सोने के शिवलिंग की पूजा की जाती है, सोने के शिवलिंग की पूजा करने से अपार धन संपदा की प्राप्ति होती है।