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क्या आप जानते हैं श्राद्ध के 12 प्रकार

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पं. हेमन्त रिछारिया

भविष्यपुराण के अन्तर्गत बारह प्रकार के श्राद्धों का वर्णन हैं। यह बारह प्रकार के श्राद्ध हैं-
 
1. नित्य- प्रतिदिन किए जाने वाले श्राद्ध को नित्य श्राद्ध कहते हैं।
 
2. नैमित्तिक- वार्षिक तिथि पर किए जाने वाले श्राद्ध को नैमित्तिक श्राद्ध कहते हैं।
 
3. काम्य- किसी कामना के लिए किए जाने वाले श्राद्ध को काम्य श्राद्ध कहते हैं।
 
4. नान्दी- किसी मांगलिक अवसर पर किए जाने वाले श्राद्ध को नान्दी श्राद्ध कहते हैं।
 
5. पार्वण - पितृपक्ष, अमावस्या एवं तिथि आदि पर किए जाने वाले श्राद्ध को पार्वण श्राद्ध कहते हैं।
 
6. सपिण्डन- त्रिवार्षिक श्राद्ध जिसमें प्रेतपिण्ड का पितृपिण्ड में सम्मिलन कराया जाता है, सपिण्डन श्राद्ध कहलाता है।
 
7. गोष्ठी- पारिवारिक या स्वजातीय समूह में जो श्राद्ध किया जाता है उसे गोष्ठी श्राद्ध कहते हैं।
 
8. शुद्धयर्थ- शुद्धि हेतु जो श्राद्ध किया जाता है उसे शुद्धयर्थ श्राद्ध कहते हैं। इसमें ब्राह्मण-भोज आवश्यक होता है।
 
9. कर्मांग- षोडष संस्कारों के निमित्त जो श्राद्ध किया जाता है उसे कर्मांग श्राद्ध कहते हैं।
 
10. दैविक - देवताओं के निमित्त जो श्राद्ध किया जाता है उसे दैविक श्राद्ध कहते हैं।
 
11. यात्रार्थ- तीर्थ स्थानों में जो श्राद्ध किया जाता है उसे यात्रार्थ श्राद्ध कहते हैं। 
 
12. पुष्ट्यर्थ- स्वयं एवं पारिवारिक सुख-समृद्धि व उन्नति के लिए जो श्राद्ध किया जाता है उसे पुष्ट्यर्थ श्राद्ध कहते हैं।
- ज्योतिर्विद् पं हेमन्त रिछारिया
 सम्पर्क: [email protected] 
 

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