Pitru Paksha 2023: इस बार पितृ महालय की समाप्ति के पहले चतुर्दशी का श्राद्ध 13 अक्टूबर 2023, दिन शुक्रवार को मनाया जा रहा है। तत्पश्चात शनिवार, 14 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध किया जाएगा। चर्तुदशी का श्राद्ध उन व्यक्तियों के लिए किया जाता है, जिनकी किसी कारणवश अकाल यानी असमय हुई मृत्यु हो जाती है।
आइए जानते है किनके लिए किया जाता है चतुर्दशी का श्राद्ध-
1. जिस व्यक्ति की मृत्यु डूबने, शस्त्र घात, विषपान, आत्महत्या या अन्य कारणों से हुई हो, उनका श्राद्ध चतुर्दशी के दिन करते हैं।
2. यदि आपके घर में किसी की अकाल मृत्यु हुई है, तो उसका श्राद्ध चतुर्दशी के दिन ही करना चाहिए।
3. चतुर्दशी का श्राद्ध उन जवान मृतकों के लिए किया जाता है जो असमय ही मृत्यु को प्राप्त हो गए हैं।
4. आश्विन माह की चतुर्दशी तिथि को स्नानादि के बाद श्राद्ध के लिए भोग तैयार करें।
5. इस दिन पंचबलि का भोग लगता है। इसमें गाय, कुत्ता, कौआ और चींटियों के बाद ब्राह्मण को भोज कराने की परंपरा होती है।
6. इस दिन अंगुली में कुशा घास की अंगूठी पहनें और भगवान विष्णु और यमदेव की उपासना करें।
7. तर्पण और पिंडदान करने के बाद ब्राह्मण या गरीबों को यथाशक्ति दान दें।
8. यदि तिथि ज्ञान नहीं हो तो सर्वपितृ अमावस्या पर इनका श्राद्ध कर सकते हैं।
9. इस दिन पवित्र धागा पहनने का भी रिवाज है, जिसे कई बार बदला जाता है। इसके बाद पिंडदान किया जाता है।
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