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Chandra Grahan 2025: पितृपक्ष में पूर्णिमा के श्राद्ध पर चंद्र ग्रहण का साया, श्राद्ध कर्म करें या नहीं, करें तो कब करें?

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WD Feature Desk

, शनिवार, 6 सितम्बर 2025 (15:32 IST)
shradh paksha purnima 2025: इस बार श्राद्ध पक्ष के दिन चंद्र ग्रहण रहेगा। इसलिए इसके सूतक काल के पूर्ण ही श्राद्ध कर लें। दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर सूतकाल प्रारंभ होगा। शास्त्रों के अनुसार अपराह्न काल, कुतुप, रोहिणी और अभिजीत काल में श्राद्ध करना चाहिए। यही श्राद्ध करने का सही समय है। इस दिन यदि गजच्छाया योग हो तो और भी अति उत्तम माना जाता है।
 
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 07 सितम्बर 2025 को 01:41 AM (रात) बजे।
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 07 सितम्बर 2025 को 11:38 PM (रात) बजे।
 
कुतुप मुहूर्त- दिन में 11:54 से 12:44 तक यह मुहूर्त रहेगा। पहले से ही तैयारी करके इसमें श्राद्ध कर्म कर लें। 
 
रोहिणी मुहूर्त- दोपहर 12:44 से 01:34 के बीच रोहिणी मुहूर्त रहेगा, लेकिन इस दौरान सूतक काल रहेगा। पंडित से सलाह लें।
 
अपराह्न काल- दोपहर बाद 01:34 से 04:05 के बीच यह समय रहेगा, लेकिन इस दौरान सूतक काल रहेगा। पंडित से सलाह लें।
 
7 सितंबर 2025 रविवार को पूर्णिमा का श्राद्ध रहेगा। पूर्णिमा श्राद्ध को श्राद्धि पूर्णिमा तथा प्रोष्ठपदी पूर्णिमा श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन तर्पण, पिंडदान और पंचबलि कर्म करें। इस दिन पूर्णिमा को मृत्यु प्राप्त करने वाले जातकों का श्राद्ध किया जाता है।
कैसे करें पूर्णिमा श्राद्ध- 
  • श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का सख्ती से पालन करना चाहिए।
  • पूर्णिमा के दिन दूध-चावल की इलायची-केसर युक्त, शकर और शहद मिलाकर खीर तैयार कर लें। 
  • अब गाय के गोबर के कंडे को जलाकर पूर्ण प्रज्ज्वलित कर लें। 
  • उक्त कंडे को शुद्ध स्थान में किसी बर्तन में रखकर, खीर से तीन आहुति दें। 
  • भोजन में से सर्वप्रथम गाय, काले कुत्ते और कौए के लिए ग्रास अलग से निकालकर उन्हें खिला दें।
  • इसके पश्चात ब्राह्मण को भोजन कराकर तपश्चात उन्हें यथायोग्य दक्षिणा दें।   
  • उसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें। 
  • पितृ पक्ष में जीरा, काला नमक, चना, दाल, लौकी, खीरा, सरसों का साग आदि कुछ चीजों को खाने की मनाई है।

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