- पं. उमेश दीक्षित
यूं तो एक आम मान्यता है कि जिस भी तिथि को किसी महिला या पुरुष का निधन हुआ हो उसी तिथि को संबंधित व्यक्ति का श्राद्ध किया जाता है, लेकिन आपकी जानकारी के लिए हम कुछ खास बातें यहां बता रहे हैं...
* सौभाग्यवती स्त्री का श्राद्ध नवमी के दिन किया जाता है।
* यदि कोई व्यक्ति संन्यासी है तो उसका श्राद्ध द्वादशी के दिन किया जाता है।
* शस्त्राघात या किसी अन्य दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति का श्राद्ध चतुर्दशी के दिन किया जाता है।
* यदि हमें अपने किसी पूर्वज के निधन की तिथि नहीं मालूम हो तो उनका श्राद्ध अमावस्या के दिन किया जाता है। इसीलिए इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है।
* आश्विन शुक्ल की प्रतिपदा को भी श्राद्ध करने का विधान है। इस दिन दादी और नानी का श्राद्ध किया जाता है।