हिंदू धर्म में श्राद्ध पितरों को प्रसन्न करने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है। श्राद्ध के द्वारा हम अपने पितरों को याद करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए धार्मिक कार्य करते हैं। हमारे धर्म ग्रंथों में श्राद्ध के भी कई प्रकार बताए गए हैं। इन सभी का महत्व भी अलग-अलग है। भविष्य पुराण के अनुसार श्राद्ध 12 प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार हैं-
1- नित्य
2- नैमित्तिक
3- काम्य
4- वृद्धि
5- सपिण्डन
6- पार्वण
7- गोष्ठी
8- शुद्धर्थ
9- कर्मांग
10- दैविक
11- यात्रार्थ