धूप देने से मन, शरीर और घर में शांति की स्थापना होती है। रोग और शोक मिट जाते हैं। गृहकलह और आकस्मिक घटना-दुर्घटना नहीं होती। घर के भीतर व्याप्त सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलकर घर
का वास्तुदोष मिट जाता है।
श्राद्ध पक्ष में 16 दिन दी जाने वाली धूप से पितृ तृप्त होकर मुक्त हो जाते हैं तथा पितृदोष का समाधान होकर पितृयज्ञ भी पूर्ण होता है। ग्रह-नक्षत्रों से होने वाले छिटपुट बुरे असर भी धूप देने से दूर हो जाते हैं।
हिन्दू घरों में धूप और दीप देने की परंपरा प्राचीनकाल से ही चली आ रही है। धूप देने से मन में शांति और प्रसन्नता का विकास होता है। मानसिक तनाव में इससे बहुत लाभ मिलता है, लेकिन इसके अलावा भी इसके कई अन्य ज्योतिषीय टोटके हैं। 16 प्रकार के धूप माने गए हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ उपाय या टोटकों को जिनको आजमाने से चमत्कारिक लाभ पाया जा सकता है।
* धूप के चमत्कारिक अचूक उपाय खास आपके लिए...
कर्पूर की धूप : कर्पूर अतिसुगंधित पदार्थ होता है तथा इसके दहन से वातावरण सुगंधित हो जाता है। कर्पूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है। प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर जरूर जलाएं। हिन्दू धर्म में संध्यावंदन, आरती या प्रार्थना के बाद कर्पूर जलाकर उसकी आरती लेने की परंपरा है।
घर के वास्तुदोष को मिटाने के लिए कर्पूर का बहुत महत्व है। यदि सीढ़ियां, टॉयलेट या द्वार किसी गलत दिशा में निर्मित हो गए हैं, तो सभी जगह 1-1 कर्पूर की बट्टी रख दें। वहां रखा कर्पूर चमत्कारिक रूप से वास्तुदोष को दूर कर देगा। रात्रि में सोने से पहले पीतल के बर्तन में घी में भीगा हुआ कर्पूर जला दें। इससे तनावमुक्ति होगी और गहरी नींद आएगी।
गुग्गुल की धूप : गुग्गुल का उपयोग सुगंध, इत्र व औषधि में भी किया जाता है। इसकी महक मीठी होती है और आग में डालने पर वह स्थान सुंगध से भर जाता है। गुग्गुल की सुगंध से जहां आपके मस्तिष्क का दर्द और उससे संबंधित रोगों का नाश होगा वहीं इसे दिल के दर्द में भी लाभदायक माना गया है।
घर में साफ-सफाई रखते हुए पीपल के पत्ते से 7 दिन तक घर में गौमूत्र के छींटे मारें एवं तत्पश्चात शुद्ध गुग्गल की धूप जला दें। इससे घर में किसी ने कुछ कर रखा होगा तो वह दूर हो जाएगा और सभी के मस्तिष्क शांत रहेंगे। हफ्ते में 1 बार किसी भी दिन घर में कंडे जलाकर गुग्गुल की धूनी देने से गृहकलह शांत होता है।
लोबान की धूप : लोबान को सुलगते हुए कंडे या अंगारे पर रखकर जलाया जाता है। लोबान का इस्तेमाल अक्सर दरगाह जैसी जगह पर होता है। लोबान को जलाने के नियम होते हैं। इसको जलाने से पारलौकिक शक्तियां आकर्षित होती हैं।
अत: लोबान को घर में जलाने से पहले किसी विशेषज्ञ से पूछकर जलाएं। गुरुवार के दिन किसी समाधि विशेष पर लोबान जलाने से पारलौकिक मदद मिलना शुरू हो जाती है।
गुड़-घी की धूप : इसे अग्निहोत्र सुगंध भी कह सकते हैं। गुरुवार और रविवार को गुड़ और घी मिलाकर उसे कंडे पर जलाएं। चाहे तो इसमें पके चावल भी मिला सकते हैं। इससे जो सुगंधित वातावरण निर्मित होगा, वह आपके मन और मस्तिष्क के तनाव को शांत कर देगा। जहां शांति होती है, वहां गृहकलह नहीं होता और जहां गृहकलह नहीं होता वहीं लक्ष्मी वास करती हैं।
गुड़-घी की धूप विशेष दिनों में देने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है। घर में किसी भी प्रकार का संकट नहीं आता है, लेकिन यह धूप देवताओं के निमित्त ही देना चाहिए।
नकारात्मकता शक्तियों को भगाने के लिए : पीली सरसों, गुगल, लोबान, गौघृत को मिलाकर इसकी धूप बना लें और सूर्यास्त के बाद दिन अस्त के पहले उपले (कंडे) जलाकर यह सभी मिश्रित सामग्री उस पर डाल दें और उसका धुआं संपूर्ण घर में फैलाएं। ऐसा 21 दिन तक करेंगे तो घर से सभी तरह की नकारात्मक शक्तियां हट जाएंगी।
कर्ज उतारने के लिए : यदि आपको ऊपर किसी तरह का कर्ज है या कोई संकट आ खड़ा हुआ है तो आटे के 5 दीये बनाकर 1-1 दीये को बढ़ के अलग-अलग पत्ते पर रखें। अब उन्हें हनुमान मंदिर में ले जाकर हनुमानजी की प्रतिमा के समक्ष ये दीये जला दें। वहीं बैठकर हनुमानजी से अपने संकट और कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें। यह कार्य आप 5 मंगलवार तक करें। इस दौरान आते-जाते वक्त मौन रहें।
दीपक प्रज्वलित करें : आपने अक्सर देखा होगा कि महिलाएं पीपल या बढ़ के 1 पत्ते पर आटे का दीपक बनाकर उसे जलाकर रखती हैं और उसे किसी बहती नदी में बहा देती हैं। छठ पूजा के दिन अक्सर यह कार्य किया जाता है। इस उपाय से घर में सुख, शांति और समृद्धि बढ़ती है।
धन समृद्धि हेतु : प्रति शनिवार की शाम को पीपल की पूजा करके धूप और दीप जलाएं। इस उपाय से जीवन में धन के मार्ग खुल जाएंगे और शनिदोष में समाप्त हो जाएगा।
अग्निहोत्र कर्म करें : अग्निहोत्र करने से भी बहुत बरकत होती है। अग्निहोत्र मतलब जब भी भोजन खाएं, उससे पहले उसे अग्नि को अर्पित करें। अग्नि द्वारा पकाए गए अन्न पर सबसे पहला अधिकार अग्नि का ही होता है।
देवी के समक्ष धूप : मुकदमे या कर्ज की समस्या हो तो 9 दिन देवी के समक्ष गुग्गुल की सुगंध की धूप जलाएं। सामान्य रूप से गुप्त नवरात्रि में देवी की कृपा के लिए 9 दिन देवी के सामने अखंड दीपक जलाएं व दुर्गा सप्तशती या देवी के मंत्रों का जाप करें।
लक्ष्मी बंधन : यदि ऐसा लगता है कि किसी ने लक्ष्मी बांध रखी है तो माता कालिका को प्रतिदिन दो लकड़ी वाली (बांस वाली नहीं) अगरबत्ती लगाएं या एक धूपबत्ती लगाएं। प्रत्येक शुक्रवार को काली के मंदिर में जाकर पूजा करें और माता से प्रार्थना करें हर तरह के बंधन को काटने की।
वास्तु शुद्धि हेतु : घर में सप्ताह में एक या दो बार नीम के पत्ते की धूनी जलाएं। इससे जहां एक और सभी तरह के जीव नष्ट हो जाएंगे वहीं वास्तुदोष भी समाप्त हो जाएगा।