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श्रावण सोमवार का चौथा सोमवार : जानिए आज के शुभ संयोग

हमें फॉलो करें श्रावण सोमवार का चौथा सोमवार : जानिए आज के शुभ संयोग
आज सावन का चौथा सोमवार है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। कैलेंडर के अनुसार आज श्रावण मास का आखिरी सोमवार है। 
 
आज के दिन भगवान शिव जी के पूजन के लिए विशेष शुभ संयोग बन रहे हैं। शिव पूजन का शुभ समय- अमृत और शुभ चौघड़िया में प्रातः 5.40 से 7.20 तक, 9.20 से 10.45 मिनट तक रहेगा। तथा लाभ और अमृत के चौघड़िया में अपराह्न 3.45 मिनट से सायं 7.15 मिनट तक पूजन के अतिशुभ समय रहेगा।
 
आज अनुराधा नक्षत्र, ब्रह्म योग, वरियान और मानस नाम का औदायिक योग में शिव जी का पूजन होगा। इस दौरान किया गया पूजन समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला तथा बैकुंठ का मार्ग प्रशस्त करने वाला माना गया है। आज का अभिजीत मुहूर्त प्रात: 11.59 मिनट से दोपहर 12.51 रहेगा। अत: इस समयावधि में भोलेनाथ की आराधना करने से हर कार्य में विजय प्राप्त होने के योग बनते हैं। 
 
आज राहु काल का समय प्रात: 07.32 मिनट से प्रात: 09.09 मिनट तक रहेगा। अत: इसमें पूजन करने से बचना चाहिए। 

श्रावण सोमवार की सरल पूजन विधि-
 
* श्रावण सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठें।
 
* पूरे घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।
 
* गंगा जल या पवित्र जल पूरे घर में छिड़कें।
 
* घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
 
* पूरी पूजन तैयारी के बाद निम्न मंत्र से संकल्प लें-
 
'मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमव्रतं करिष्ये'
 
* इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें-
 
'ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्‌।
पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्‌॥
 
* ध्यान के पश्चात 'ॐ नमः शिवाय' से शिवजी का तथा 'ॐ शिवायै' नमः' से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें।
 
* पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें।
 
* तत्पश्चात आरती कर प्रसाद वितरण करें।
 
* इसके बाद भोजन या फलाहार ग्रहण करें।
 
इसके अलावा श्रावण मास में शिवालयों में शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया जाता है। बहुत से लोग रुद्राभिषेक तो छोड़िए जलाभिषेक के समय भी नियमों का पालन नहीं करते हैं। विधिवत रूप से किए गए रुद्राभिषेक से ही भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं।
 
मंत्र
- ॐ सौं सोमाय नम:
- ॐ नमः शिवाय 
- ॐ नमो भगवते रुद्राय। 

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