Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

श्रावण सोमवार और महाकालेश्वर की सवारी

Advertiesment
हमें फॉलो करें 2017 Sawan Somwar
- विनय कुशवाह 
 
देवों के देव महादेव भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव को ऐसी चीजें प्रिय है जिन्हें लोग अप्रिय मानते हैं। चाहे विल्व पत्र हो, चाहे धतूरा हो ये ऐसी चीजें हैं जिन्हें  अन्य देवी-देवता कभी पसंद नहीं करते। भोलेनाथ को श्रावण मास प्रिय है। भगवान शिव को श्रावण या सावन का महीना प्रिय है? श्रावण सोमवार को विशेष स्थान क्यों दिया जाता है? श्रावण के मास के सोमवार को महाकाल की सवारी क्यों निकाली जाती है?
सोमवार को भगवान शिव को समर्पित किया जाता है। यह दिन भगवान शंकर को प्रिय होता है। वर्ष भर इस दिन की महिमा रहती है। इस दिन श्रद्धालु मंदिरों में जाकर अथवा घर पर शिवलिंग पर विल्व पत्र चढ़ाते हैं और शिवलिंग को दुग्ध से अभिषेक कराते हैं। सच्चे मन से मांगी गई सारी याचनाओं को स्वीकार करते हैं। 
 
श्रावण मास भगवान भोलेनाथ को प्रिय होता है, इसके पीछे एक रोचक कहानी है। सती माता ने जब अपने पिता का घर छोड़ा और कई सालों तक श्रापित जीवन व्यतीत करने के बाद हिमालय की पुत्री पार्वती के रुप में जन्म लिया। मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रुप में पाने के लिए श्रावण मास में कठिन तपस्या की।

भगवान शिव ने तपस्या से प्रसन्न होकर मां पार्वती को भार्या के रुप में स्वीकार किया। इसलिए भगवान शिव को श्रावण मास अत्यंत प्रिय है। श्रावण मास के सोमवार की बड़ी महिमा मानी जाती है। श्रावण मास में व्रत करने, पूजा इत्यादि से विशेष फल प्राप्त होता है। 
 
विक्रम संवत् 2074 के श्रावण मास में पांच सोमवार होने के कारण इस महीने में सर्वार्थ सिद्ध योग बन रहा है। यह मास सभी इच्छाओं को पूर्ण कर सकता है। इस महिने में भगवान शिव से जिस भी कार्य की कामना सच्चे मन से की जाए तो पूर्ण हो जाता है। 
 
श्रावण मास में प्रत्येक सोमवार को उज्जैन में महाकाल की सवारी निकाली जाती है। महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं। भगवान महाकाल को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। महाकाल, चंद्रमौलेश्वर के रुप में सवारी पर निकलते हैं। नगरसेना के सिपाही, पुलिस बैण्ड की अगुवाई में महाकाल नगर के विभिन्न इलाकों से होते हुए रामघाट जाते हैं, वहां महाकाल की क्षिप्रा के जल से अभिषेक किया जाता है और वापस महाकाल मंदिर की ओर लौट जाते हैं।

 
सावन सोमवार की पवित्र और पौराणिक कथा (देखें वीडियो) 
 
 

 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शिव की अपार कृपा प्राप्ति के लिए श्रावण में अवश्‍य पढ़ें 'शिव चालीसा'