1. दीपदान : इस दिन दान के साथ ही दीपदान भी करना चाहिए। इस दिन आटे के दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित करने से पितृदेव और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है। इस दिन शनिदेवजी के मंदिर में विधि अनुसार दीपक लगाने से वे प्रसन्न होते हैं।
2. अन्न दान : इस दिन मछली, चींटियों और ब्राह्मणों को भोजन कराने से सभी तरह के संकट दूर होगा सुख और समृद्धि बढ़ती है। इस दिन गेहूं और ज्वार की धानी का प्रसाद वितरण करें। शास्त्रों के अनुसार इस तिथि के स्वामी पितृदेव हैं अत: पितरों की प्रसन्नता के लिए ब्राह्मण को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा अवश्य देना चाहिए। किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाएं अपने घर के पास चींटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं।
3. वस्त्र दान : हरियाली अमावस्या पर जरूरतमंदों को छाता, पलंग, वस्त्र, कंबल, चटाई या दरी का दान करें। क्योंकि बारिश और इसके बाद ठंड में उनके लिए यह चीजें काम आएगी।
4. काले तिल : हरियाली अमावस्या के दिन काले तिल का दान करना भी शुभ माना गया है। मान्यता अनुसार काला तिल दान करने से कुंडली से बुरे ग्रहों का प्रभाव खत्म होता है और शुभ संकेत मिलते हैं।
5. सफेद चीज का करें दान : इस दिन दूध, चावल, शक्कर, नारियल, सफेद वस्त्र, इससे जातक को शिव जी की कृपा प्राप्त होगी।
6. शनि का दान : यदि आप शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या आदि से परेशान हैं तो हरियाली अमावस्या पर छतरी, चमड़े के जूते-चप्पल, साबुत उड़द आदि दान करें।