Mahakal second sawari 2023 : 10 जुलाई 2023 को उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के महाकाल बाबा की पहली सवारी यानी पालकी निकली थी। महाकाल बाबा की सवारी में दूर दूर से भक्त शामिल होते हैं। इस दौरान महाकाल बाबा नगर भ्रमण करते हैं और अपनी प्रजा के हाल जानते हैं। इस दौरान महादेव की भक्तों पर विशेष कृपा होती है।
कितनी प्राचीन है ये परंपरा : सवारी निकलने का सबसे पुराना प्रमाण 2100 साल पुराने एक शिलालेख में मिलता है। हालांकि 300 साल पहले सवारी को शाही स्वरूप दिया गया।
दूसरी सवारी : उज्जैन महाकाल बाबा की दूसरी सवारी 17 जुलाई सोमवार को निकलेगी।
महाकाल सवारी का क्या रहेगा रूट : सवारी के रुट और स्वागत को लेकर भी बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए। नगर निगम अब सवारी मार्ग की मरम्मत करने तथा सड़क बनाने में लगा है। इस बार परंपरागत मार्ग के चौड़ीकरण और मरम्मत का काम चल रहा है। इसलिए अभी यह निश्चित नहीं है कि सवारी परंपरागत मार्ग से ही निकलेगी या नहीं।
परंपरागत मार्ग : परंपरागत मार्ग के अनुसार महाकाल मंदिर से सवारी सबसे पहले कोटमोहल्ला पहुंचेगी। फिर क्रमवार गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। पूजा के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिकचौक, खाती समाज का जगदीश मंदिर, सत्यनारायण मंदिर के सामने से होकर ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए करीब शाम 7.30 बजे पुन: महाकाल मंदिर पहुंचती है।
वर्तमान में रामघाट पर पूजन के उपरांत सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, ढाबा रोड, टंकी चौराहा गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी। इसके बाद संध्या आरती होगी।