Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

श्रावण मास में महाकालेश्वर मंदिर की जगमगाहट और सवारी की तैयारी पर एक नज़र

हमें फॉलो करें श्रावण मास में महाकालेश्वर मंदिर की जगमगाहट और सवारी की तैयारी पर एक नज़र
, गुरुवार, 14 जुलाई 2022 (15:32 IST)
Mahakal sawari date 2022 : 14 जुलाई 2022 से भगवान भोलेनाथ का श्रावण मास प्रारंभ हो गया है। इस माह में मध्यप्रदेश की कुंभ नगरी उज्जैन में महाकाल बाबा की सवारी निकलती है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल ज्योतिर्लिंग की बहुत मान्यता है। आओ बाबा महाकाल की सवारी के संबंध में जानते हैं।
 
1. महाकाल मंदिर की सजावट : श्रावण मास में महाकाल मंदिर सजकर तैयार हो गया है। लाइटिंग के साथ ही फूलों से मंदिर को सजाया गया है। 14 जुलाई से 22 अगस्त तक गर्भगृह में दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। भक्तों को गणेश मंडपम् से भगवान महाकाल के दर्शन होंगे।
 
2. महाकाल बाबा की सवारी : इस बार मंदिर समीति परंपरागत मार्ग से ही बाबा की सवारी निकालने की बात कह रही है। बाबा महाकाल की प्रति वर्ष सावन व भाद्रपद में सवारी निकाली जाती है। इस वर्ष कुल 6 सवारी निकाली जाएंगी। चांदी की पालकी में विराजकर बाबा अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर में भम्रण करेंगे। मंदिर समिति की ओर से हर दिन आधिकारिक वेबसाइट पर बाबा महाकाल के दर्शन दिखाए जाते हैं। बाबा महाकाल की आरती का प्रसारण भी लाइव दिखाया जाता है।

उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने निर्देश दिए हैं कि महाकाल सवारी में डीजे का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। सवारी मार्ग पर सवारी के आगे-आगे केले, चॉकलेट एवं खाद्य सामग्री का वितरण नहीं करें। 
 
3. परंपरागत मार्ग : परंपरागत मार्ग के अनुसार महाकाल मंदिर से सवारी सबसे पहले कोटमोहल्ला पहुंचेगी। फिर क्रमवार गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां महाकाल पेढ़ी पर पालकी को विराजित किया जाता है। इसके बाद भगवान महाकाल का शिप्रा जल से अभिषेक करने के बाद पूजा करते हैं। पूजा के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिकचौक, खाती समाज का जगदीश मंदिर, सत्यनारायण मंदिर के सामने से होकर ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए करीब शाम 7.30 बजे पुन: महाकाल मंदिर पहुंचती है।
webdunia
4. महाकाल सवारी की तारीखें:
 
18 जुलाई सोमवार : पहली सावरी। इस दिन नाग मरुस्थले पर्व, मौना पंचमी भी रहेगी।
25 जुलाई सोमवार : दूसरी सवारी। इस दिन सोम प्रदोष का व्रत भी रखा जाएगा।
1 अगस्त सोमवार : तीसरी सवारी। इस दिन विनायक या वरद चतुर्थी रहेगी। 
8 अगस्त सोमवार : चौथी सवारी। इस दिन पवित्रा या पुत्रदा एकादशी रहेगी।
15 अगगस्त सोमवार : पांचवीं सवारी : इस दिन भादौ मास की गणेश संकष्‍टी चतुर्थी का व्रत रहेगा। 
22 अगस्त श्रावण : छठी शाही सवारी। इस दिन भादौ मास की जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा। 
 
नोट : 2 अगस्त को नागपंचमी का त्योहार रहेगा। 11 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व रहेगा। 19 अगस्त को श्रीकृष्‍ण जन्माष्टमी का पर्व रहेगा। नागपंचमी पर वर्ष में एक बार खुलने वाले भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन होंगे। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

राशि अनुसार भोलेनाथ का मंत्र करेगा जीवन में चमत्कार, पढ़ें 12 राशियों के मंत्र