शास्त्रों में अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग संख्याओं में मंत्र के जप का विधान है। इसमें किस कार्य के लिए कितनी संख्या में जप करना चाहिए इसका उल्लेख किया गया है।
* भय से छुटकारा पाने के लिए 1100 मंत्र का जप किया जाता है।
* रोगों से मुक्ति के लिए 11000 मंत्रों का जप किया जाता है।
* पुत्र की प्राप्ति के लिए, उन्नति के लिए, अकाल मृत्यु से बचने के लिए सवा लाख की संख्या में मंत्र जप करना अनिवार्य है।
* मंत्रानुष्ठान के लिए शास्त्र के विधान का पालन करना परम आवश्यक है, अन्यथा लाभ के बदले हानि की संभावना अधिक रहती है।
इसलिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक कार्य शास्त्रसम्मत ही किया जाए। इस हेतु किसी योग्य और विद्वान व्यक्ति का मार्गदर्शन लेना चाहिए।
* यदि साधक पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ यह साधना करें, तो वांछित फल की प्राप्ति की प्रबल संभावना रहती है।