भगवान शिव का नटराज स्वरूप अधिकांश संगीतकार, कलाकार, नृतक और गायक पूजते हैं। शिव अपने नटराज स्वरूप में इतने लीन होते हैं कि उनसे अपनी कला के लिए आशीष सहजता से मांगा जा सकता है। वे उस समय अपनी समस्त कलाओं की दिव्य अभिव्यक्ति कर रहे होते हैं। अगर आप भी किसी न किसी कला से जुड़े हैं तो प्रति सोमवार इस स्तुति का सस्वर पाठ करना न भूलें...
सत सृष्टि तांडव रचयिता
नटराज राज नमो नमः...
हेआद्य गुरु शंकर पिता
नटराज राज नमो नमः...
गंभीर नाद मृदंगना
धबके उरे ब्रह्मांडना
नित होत नाद प्रचंडना
नटराज राज नमो नमः...
शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा
चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां
विषनाग माला कंठ मां
नटराज राज नमो नमः...
तवशक्ति वामांगे स्थिता
हे चंद्रिका अपराजिता
चंहु वेद गाए संहिता
नटराज राज नमोः...।