यह तो सभी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में कंस के कारागार में हुआ। गोकुल और वृंदावन में उनका बचपन बिता और फिर किशोरावस्था में वे मुथरा में रहकर कंस वध के बाद जरासंध से युद्ध करते रहे। बाद में उन्होंने प्रभाष क्षेत्र में समुद्र के किनारे बसी उजाड़ नगरी कुशस्थली पर द्वारिका नगर का निर्माण कराया और वे वहां रहने लगे। प्रभास क्षेत्र में ही उन्होंने देह त्याग दी थी। इस विशिष्ट स्थल या देहोत्सर्ग तीर्थ नगर के पूर्व में हिरण्या, सरस्वती तथा कपिला के संगम पर बताया जाता है। इसे प्राची त्रिवेणी भी कहते हैं। इसे भालका तीर्थ भी कहते हैं। आओ जानते हैं प्रभु श्रीकृष्ण की दिनचर्या क्या है या वे प्रतिदिन क्या करते हैं।
1. कहते हैं कि प्रभु श्रीकृष्ण प्रतिदिन उत्तराखंड में चमोली में स्थित बद्रीनाथ धाम में सरोवर में स्नान करते हैं।
2. स्नान करने के बाद श्रीकृष्ण गुजरात के समुद्र तट पर स्थित द्वारिका धाम में अपने वस्त्र बदलते हैं।
3. द्वारिका में वस्त्र बदलने के बाद प्रभु श्रीकृष्ण ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ धाम में भोजन करते हैं।
4. जगन्नाथ में भोजन करने के बाद प्रभु श्रीकृष्ण तमिलनाडु के रामेश्वरम धाम में विश्राम करते हैं। विश्राम करने के बाद भगवान पुरी में निवास करते हैं।
5. इस दौरान प्रभु श्रीकृष्ण अपने भक्तों की सेवा भी करते हैं। जो भी भक्त उन्हें पुकारता है वे वहां तुरंत ही उपस्थित हो जाते हैं।
6. प्रभु अपने सभी प्रमुख धाम की आरती भी ग्रहण करते हैं।
7. समय-समय पर प्रभु वृंदावन के निधिवन और मथुवन में रास भी करते हैं। वहां के मंदिरों में भ्रमण भी करते हैं।