नई दिल्ली में कुल नौ ऐतिहासिक गुरुद्वारे हैं। जिसमें गुरुद्वारा बंगला साहिब का महत्व अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की तरह है। कहा जाता है कि सिख धर्म के आठवें गुरु- गुरु हरकिशन जी महाराज ने यहाँ विश्राम किया था। तब यह राजा जय सिंह का बंगला हुआ करता था। उस समय दिल्ली में चेचक की बीमारी फैली हुई थी। गुरु हरकिशन महाराज ने सभी पीड़ितों का इलाज किया। जिसकी चपेट में आने से इनकी मृत्यु हो गई थी।
इसलिए सिख अनुयायियों समेत अन्य धर्म के लोगों में भी गुरुद्वारा बंगला साहिब के प्रति विशेष श्रद्धा है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ मत्था टेकने आते हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती आस्था को देखते हुए ही कमेटी ने इसे सोने से सुसज्जित करने का फैसला किया है। जमा किए गए सोने का उपयोग गुरुद्वारे के गुबंद के अलावा अंदर के भाग में भी किया जाएगा।
नई दिल्ली का गुरुद्वारा बंगला साहिब जल्द ही सोने से सजाया जाएगा। इसके लिए दिल्ली की सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सारी योजना तैयार कर ली है। इसे सजाने में कुल 125 किलो सोने का उपयोग किया जाएगा। बंगला साहिब की कमेटी के पास अभी 19 किलो सोना है। 25 किलो सोना प्रबंधक कमेटी की ओर से दिया जाएगा। बाकी 81 किलो सोने के लिए संगतों की सहायता ली जाएगी।
इस बारे में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह सरना ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त सोना है। उन्होंने बताया कि संगतों से अपील की जाएगी कि वे अपनी कमाई में से अधिक से अधिक हिस्सा डालकर गुरु महाराज की खुशियाँ प्राप्त करें।