Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सिंहस्थ के 10 महामंगलकारी योग, जरूर पढ़ें

हमें फॉलो करें सिंहस्थ के 10 महामंगलकारी योग, जरूर पढ़ें
एते दशमहायोगा: स्नाने मुक्ति फलप्रदा: 
 
हरिद्वार, प्रयाग और नासिक के कुंभ पर्वों से बढ़कर उज्जयिनी का कुंभ पर्व इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां इसके साथ 'सिंहस्थ' भी सम्मिलित है।





पुराणों में लिखा है-
 
'मेष राशि गते सूर्ये सिंह राश्यी बृहस्पतो, अवंतिकायी भवेत्कुम्भ: सदामुक्तिप्रदायक:।' 


ग्रहों के इसी सम्मिलन के कारण 10 महत्व के योग सिंहस्थ में बनते हैं। 
 
ये इस प्रकार हैं- वैशाख मास, शुक्ल पक्ष, पूर्णिमा, मेष राशि का सूर्य, सिंह राशि पर बृहस्पति की स्थिति, तुला राशि पर चंद्र की स्थिति, चित्रा एवं स्वाति नक्षत्र, वज्र एवं सिद्धि योग, पवि‍त्र तिथि शुक्रवार एवं मोक्ष प्रदायक अवंतिका क्षेत्र। ऐसी मान्यता है कि इस योग में देवगण भी पृथ्वी पर उतरते हैं और पुण्य सलिला शिप्रा में स्नान करते हैं। 

स्कंद पुराण में यह उल्लेख है कि-  
 
'सेन्द्रासुरगुणा: सर्वे सेन्द्रा वित्या मरुतगणा: स्नातुं आयन्ति गौतम्यी सिंहस्थे च: बृहस्पतौ।'

इसीलिए सिंहस्थ पर्व पर शाही स्नान के दौरान विभिन्न संन्यासी, अखाड़े, धर्मशास्त्री और शंकराचार्य शिप्रा स्नान करते हैं। 
 
विभिन्न मतावलंबियों का एकसाथ, एक क्षेत्र में उपस्‍थि‍त होना और स्नान करना पर्व की गरिमा में चार चांद लगाता है। सिंहस्थ एक धार्मिक पर्व न होकर ज्योतिष, खगोल, धर्म, दर्शन एवं राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक है।  



webdunia


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi