Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

जीते जी करेंगे खुद का पिण्डदान तब कहलाऐंगे नागा संन्यासी...

Advertiesment
हमें फॉलो करें Simhastha-2016 Naga Saints Pinddan
उज्जैन , शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016 (15:39 IST)
- आलोक 'अनु'
सिंहस्थ के दौरान आकर्षण का केन्द्र बने रहने वाले नागा संन्यासियों की दुनिया अपने आप में निराली है शैव संप्रदाय से जुड़े इन नागाओं ने सांसारिक जीवन को त्याग कर संन्यासी बनने से पहले जीतेजी खुद का ही पिण्डदान करना पड़ता है। इस बार सिंहस्थ के दौरान भी हजारों की संख्या में नागा दीक्षा लेने वाले महिला व पुरुष इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे। दत्त अखाड़ा के घाट पर यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पिछले सिंहस्थ में करीब 12 हजार महिलाओं व पुरुषों ने इस दीक्षा को ग्रहण किया था।
पुरोहित नागा साधु समाज पंडित शैलेन्द्र बधेका के अनुसार इस बार भी सिंहस्थ के दौरान भी हजारों की संख्या नागा दीक्षा ग्रहण करने वालो की रहेंगी हालांकि इसके लिए अभी सूची तैयार की जा रही है। सिंहस्थ के पहले शाही स्नान के बाद अच्छा मुहूर्त देखकर यह दीक्षा कार्यक्रम पूर्ण किया जाएगा।
 
नागा बनने वाले लोगों में कुल 6 अखाड़ों निरंजनी के साथ आनंद, निर्वाणी के साथ अटल एवं जूना अखाड़े के साथ आह्‍वान के हजारों लोग रहेंगे। अग्नि अखाड़ा चूंकि ब्रह्मचारियों का होता है इस कारण इससे जुड़े साधु नागा संन्यासी बनने की प्रक्रिया में शामिल नहीं होते हैं।
 
परम्परा है कि नागा संन्यासी बनने की दीक्षा लेने के दौरान संस्कार के सोलह पिण्ड के अलावा एक पिण्ड खुद का भी कराया जाता है उसके पीछे कारण यह होता है कि जो भी एक बार नागा संन्यासी बनता है फिर उसके देहांत होने पर या तो उसका शरीर पानी में बहा दिया जाता है या फिर उन्हें मिट्टी के हवाले कर दिया जाता है। नागाओं का दाह संस्कार नहीं होता है।
 
संन्यासी दीक्षा लेने वालों का पहले मुंडन किया जाता है उसके बाद हिमाद्री के दस स्नान कराए जाते हैं फिर सभी तर्पण विधी पूरी करके खुद का पिण्डदान करते हैं। सालों तक सांसारिक सुख भोगकर परिवार के साथ जिंदगी जीने वालो को संन्यास की राह पर जाते देखने के दौरान उनके परिवार के लोग भी इस पूरी प्रक्रिया के साक्षी बनते हैं और उनके सामने ही उनके जीवन की ज्योति नागाओं के तपते अखंड़ जीवन के होम में हमेशा-हमेशा के लिए एकदीप्त हो जाएगी। जानकारी के अनुसार इस सिंहस्थ में भी जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंदजी महाराज नागाओं की दीक्षा कार्यक्रम के दौरान मौजूद रह सकते हैं।
 
हालांकि इस सिंहस्थ में अखाड़ों की ओर से शुरुआत में कहा गया था कि करीब 35 हजार लोग दीक्षा ग्रहण करेंगे लेकिन संभवत: दीक्षा ग्रहण करने वालों का आंकड़ा कम हो सकता है क्योंकि पेशवाई की तारिख में फेरबदल होने से करीब एक हजार साधु-संत वापस लौट गए है। पेशवाई के बाद सभी 6 अखाड़ों के महंत, श्रीमहंत व महामंड़लेश्वर अपने अपने शिष्यों की सूची तैयार कर सौंप देंगे जो इस बार नागा दीक्षा ग्रहण करने वाले हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi