उज्जैन। उज्जैन में सोमवार को सदी का दूसरे सिंहस्थ का दूसरा शाही स्नान किया जा रहा है। लगभग 35 लाख लोगों के डूबकी लगाने का अनुमान है। इस स्नान को देश-विदेश से कवर करने पहुंचे प्रेस बॉक्स में बैठे मीडियाकर्मियों से पुलिस की झड़प के बाद धरने पर बैठे स्थानीय पत्रकार।
पुलिस ने अभद्र व्यवहार किया जिसके विरोध स्वरूप मीडियाकर्मियों ने आधे घंटे का लाइव कवरेज रोक दिया और सभी पत्रकारों ने मिलकर इसका विरोध किया। दरअसल, यह मामला उस वक्त शुरु हुआ जब कुछ पुलिसकर्मी अचानक प्रेस बॉक्स में घुस आए और पत्रकारों से अभद्र व्यवहार करने लगे। सूत्रों अनुसार उन्होंने एक पत्रकरा की पिटाई भी कर दी।
इसके बाद पत्रकारों ने कवरेज रोककर विरोध प्रदर्शन स्वरूप धरने पर बैठ गए जिसके चलते रामघाट पर तनाव का माहौल बन गया। बाद में संबंधित आधिकारी द्वारा माफी मांगने के बाद पत्रकारों का गुस्सा शांत हुआ।
आज उज्जैन में शाही स्नान के दौरान साधु-संतों को पुलिस की दादागिरि का सामना करना पड़ा, वहीं भीड़ को देख आपा खोने वाले पुलिस अधिकारी ने मीडियाकर्मियों से भी धक्का-मुक्की की।
आईपीएस अधिकारी डॉ. असित को शाही स्नान के दौरान रामघाट पर सबसे महत्वपूर्ण जिम्मा मिला था, लेकिन, अधिकारी ने भीड़ प्रबंधन के नाम पर साधु-संतों को शिकार बनाया। आईपीएस अधिकारी के रवैये से परेशान होकर मीडियाकर्मियों को आज धरना तक देना पड़ा। बाद में उज्जैन एसपी ने धक्का मुक्की और अफरा-तफरी के बाद विवाद शांत करवाया।
गौरतलब है कि सिंहस्थ में अच्छा व्यवहार करने के लिए पुलिस को पिछले एक साल से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।