Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

संतों को पीने को पानी नहीं, मच्छर भी पी रहे खून...

व्यवस्थाओं से साधु-संत असंतुष्ट, छोटे अखाड़ों व पंडालों में नहीं जाते अधिकारी

Advertiesment
हमें फॉलो करें Simhastha 2016
उज्जैन , मंगलवार, 5 अप्रैल 2016 (15:51 IST)
-आलोक 'अनु'
 
अप्रैल के शुरूआती दौर में ही तेज पड़ रही गर्मी ने पूरे शहर को हलाकान करके रख दिया है। सबसे ज्यादा परेशानी सिंहस्थ मेला क्षेत्र मे ठहरे साधुओं की है जिन्हें ना तो पीने के लिए पर्याप्त पानी मिल रहा है और ना ही नहाने या खाना बनाने के लिए। पानी के लिए परेशान हो रहे संतों का रात का सुकून मेला क्षेत्र में मच्छरों की भरमार ने छीन लिया है। प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर साधु-संत प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।
संतों का कहना है कि पानी के लिए पर्याप्त इंतजाम होने के दावे सिंहस्थ शुरू होने से पहले प्रशासन ने किए थे, लेकिन पानी की घोर समस्या है जिस पर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। हालत यह है कि यह है कि ना तो साधुओं को पीने का पर्याप्त पानी मिल रहा है और ना ही खाना बनाने और नहाने के लिए। दिन में कई बार फोन लगाने के बाद भी अधिकारी परेशानी हल नहीं कर रहे हैं।
 
सबसे ज्यादा समस्याएं छोटे पंडालों व उन अखाड़ों में है जहां कम पावर वाले साधु रहते हैं। बाकी बड़े पंडालों व अखाड़ों में अधिकारी पूरा ध्यान दे रहे हैं। महंत केशवदास निर्वाणी अखाड़ा, जालंधर के मुताबिक पंडालों में पानी की बहुत समस्याएं हैं, कई बार बोलने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। अधिकारियों का ध्यान सिर्फ बड़े अखाड़ों पर है।
 
मच्छर कहीं बीमार न कर दें : दिनभर जला देने वाली गर्मी के बाद रात को सुकून की नींद का मन तो करता है, मेला क्षेत्र में मौजूद मच्छरों की भरमार से रातें परेशानी वाली बीत रही हैं। मच्छरों के कारण खुले में सोने वाले साधुओं को अब बीमारी का डर भी सताने लगा है। मेला क्षेत्र में पाइप लाइनों में लीकेज व सीवर लाइनें फूटने से पानी भर रहा है और इसी से मच्छर भी पनप रहे हैं।
 
बड़े चमत्कार को नमस्कार : सिंहस्थ की तैयारियों में लगे प्रशासन की कथनी व करनी में भी बड़ा अंतर है। बड़े नाम वाले पंडालों में सभी व्यवस्थाएं मिनटों में हो रही हैं, जबकि बाकी जगह बुलाने पर भी अधिकारी नहीं पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि मंगलनाथ क्षेत्र में मौजूद अखाड़ों के साधु-संत अव्यवस्थाओं को लेकर दबी जुबान में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि को भी दोष दे रहे हैं।
webdunia

नाम ना छापने की शर्त पर एक श्रीमहंत का कहना था कि नरेन्द्रगिरी का पूरा ध्यान संन्यासियों के अखाड़ों की ओर है वहीं प्रशासन भी सारा दिन वहीं घूमता रहता है। सभी अधिकारी बड़े चमत्कारों को दंडवत प्रणाम कर रहे हैं, जबकि बाकी संत परेशान हो रहे हैं। 
 
ना छिड़काव ना फागिंग : संतों का आरोप है कि मेला क्षेत्र में मच्छरों की भरमार है जिसे लेकर अधिकारियों के सामने कई बार शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन बावजूद इसके कोई काम नहीं हो रहा है। मलेरिया व स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ना तो पर्याप्त रूप से सभी जगहों पर दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है और ना ही फागिंग की जा रही है। उपायुक्त नगर निगम मनोज पाठक से साधुओं की समस्याओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जहां भी समस्या होती है तत्काल दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। किसी को भी कोई समस्या हो तो हमें बताए तुरंत दूर करेंगे।
 
कबीर पंथी साधु भी परेशान : प्रशासन ने रणजीत हनुमान क्षेत्र में कबीर पंथी साधुओ के लिए जगह उपलब्ध कराई है लेकिन इन 6 पंडालों में ना तो पीने का पानी है और ना ही शौचालय। पंडालों में 100 से ज्यादा साधु-संत मौजूद हैं और सभी पीने का पानी और शौचालय के लिए दूसरे पांडालो मे जा रहे है। सिंहस्थ के दौरान यहां प्रतिदिन भंडारा एवं धार्मिक आयोजन होंगे। ऐसे में समस्याओं के कारण साधु-संत लौट रहे हैं। लहर ताराधाम वाराणसी के महंत हरिनारायण के अनुसार साधुओं में व्यवस्थाओ को लेकर काफी गुस्सा है।
 
अखाड़ा परिषद भी शिकायत के मूड में : समस्याओं को लेकर अब अखाड़ा परिषद भी शिकायत करने के मूड़ में है। बुधवार को आ रहे मुख्यमंत्री के सामने परिषद के पदाधिकारी सभी समस्याएं रखकर उन्हे सात दिनों का अल्टीमेटम देंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi