उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में शुक्रवार से शुरु होने वाले सिंहस्थ के दौरान यहां स्थित महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन होने वाली भस्मारती सहित कई अन्य व्यवस्थाओं में परिवर्तन किया गया है।
महाकालेश्वर मंदिर देश का एकमात्र ऐसा शिवालय है जहां आज भी प्रतिदिन सुबह भगवान की भस्मारती होती है। इस भस्मारती में शामिल होने वाले दर्शनार्थियों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ रही है जिसके चलते मंदिर के गर्भगृह के हाल का विस्तार किया गया है। सिंहस्थ के दौरान आरती में शामिल होने वाले दर्शनार्थियों के प्रवेश पत्र नहीं बनेंगे। भस्मारती के दौरान किसी भी दर्शनार्थी को मंदिर के परिसर में रुकने नहीं दिया जाएगा। यहां की व्यवस्था चलायमान रखी गई है।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, सिंहस्थ अवधि में प्रतिदिन आम दर्शनार्थियों के लिए दर्शन व्यवस्था हरसिद्धि मंदिर की ओर से की गई है। यहां छाया के लिए टेन्ट और बेरिकेड्स लगाए गए हैं। इसके भर जाने के बाद एक अन्य माधव सेवा न्यास में बनाए गए बेरिकेड्स से दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। दोनों प्रवेश द्वारों के माध्यम से मंदिर में जाने के लिए टनल से मंदिर में जाने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा मंदिर के विशाल परिसर में बड़ी-बड़ी एलसीडी लगाई गई हैं।
मंदिर को सात झोनों में बांटकर दर्शनार्थियों के लिए 250 रुपए में सशुल्क दर्शन व्यवस्था भी गई है। इसके लिए मंदिर के आसपास काउंटर बनाए गए हैं। यह व्यवस्था शाही स्नान वाले दिन बंद रहेगी। इसके अलावा खोया-पाया केन्द्र तथा दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर की भी व्यवस्था की गई है। साथ ही दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए सशुल्क जूता स्टेंड मंदिर के बाहर बनाया गया है। (वार्ता)