उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ महापर्व में महिला अखाड़े को मान्यता नहीं दिए जाने को लेकर अनशन के बाद मंगलवार को समाधि लेने की कोशिश करने वाली परी अखाड़े की प्रमुख त्रिकाल भवंता को महाकाल पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया।
लेकिन, कल समाधि की कोशिश के बाद त्रिकाल भवंता ने बुधवार को दो बजे मांगें नहीं मानने को लेकर चेतावनी दी थी। उसे देखते हुए पुलिस ने आज उन्हें हिरासत में लिया।
इस मामले को लेकर जिले के प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह ने बताया कि परी अखाड़े की भवंता के मामले में सरकार से कोई लेना-देना नहीं है और उनकी मांग अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से है। उन्होंने बताया कि अखाड़ा परिषद से जुड़ी कई महिला महामंडलेश्वर एवं 5000 शिष्यों ने 22 अप्रैल को शाही स्नान किया था।
दस दिनों से आमरण अनशन के बाद नाराज होकर कल दस फुट गड्ढे में बैठकर समाधि ले रहीं परी अखाड़े की भवंता को पुलिस ने बलपूर्वक बाहर निकाला था। परी अखाड़ा एक महिला अखाड़ा है जिसे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मान्यता नहीं दी है। परी अखाड़ा प्रमुख त्रिकाल भवंता पेशवाई और शाही स्नान की अनुमति नहीं मिलने के कारण नाराज चल रही थीं। (वार्ता)