उज्जैन। सिंहस्थ में हिस्सा लेने आए किन्नर अखाड़ा का पहला महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को बनाया गया। सोमवार को विधि-विधान के साथ लक्ष्मी ने महामंडलेश्वर की पदवी ग्रहण की।
देश में साधु-संतों के 13 अखाड़े हैं, जिनमें किन्नर अखाड़ा शामिल नहीं है। इसके बावजूद किन्नर अपने अखाड़ों की सिंहस्थ कुंभ में सुविधाएं दिए जाने की मांग करते रहे हैं, मगर वे इसमें सफल नहीं हुए हैं। इस बार के सिंहस्थ में किन्नर अखाड़े को जमीन आवंटित की गई। इस अखाड़े ने अपनी शोभायात्रा भी निकाली थी।
किन्नर अखाड़ा के अजय दास ने बताया कि उजड़खेड़ा क्षेत्र में स्थित अखाड़ा के शिविर में एक समारोह आयोजित कर लक्ष्मी को आचार्य महामंडलेश्वर की पूरे विधि-विधान के साथ पदवी ग्रहण कराई गई। उनके द्वारा अखाड़े की नियमावली और उद्देश्य तय किए जाएंगे। अखाड़ा के चार पीठाधीश्वर और चार महंतों का भी चयन किया गया है।
अखाड़े करेंगे सुबह 4 बजे से शाही स्नान : अखाड़ा परिषद की बैठक सोमवार शाम 5 बजे बड़नगर रोड स्थित महानिर्वाणी अखाड़े की छावनी में हुई। बैठक में 9 मई को होने वाले शाही स्नान को लेकर चर्चा की गई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेन्द्रगिरि की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि इस बार शाही स्नान दो घंटे पहले प्रारंभ होगा, ताकि आम श्रद्धालुओं को स्नान का ज्यादा समय मिल सके। वहीं अखाड़ों को अब आधे घंटे की बजाए एक घंटे स्नान का समय मिलेगा।
महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरिजी महाराज के अनुसार, सुबह 4 बजे जूना अखाड़े के साथ आवाहन और अग्नि अखाड़ा स्नान करेगा। सुबह 5 बजे निरंजनी के साथ आनंद अखाड़ा स्नान करेगा। सुबह 6 बजे महानिर्वाणी के साथ अटल अखाड़ा स्नान करेगा। सुबह 7 से 10 वैष्णव अखाड़े स्नान करेंगे। सुबह 10 से 11 उदासीन अखाड़े स्नान करेंगे। सुबह 11 से 12 बजे तक निर्मल अखाड़ा स्नान करेगा। बैठक में सभी 13 अखाड़ों के पदाधिकारी मौजूद थे।