Sinhasan Battisi Ki Kahani
अंबावती में एक राजा राज्य करता था। वह बड़ा दानी था। उसी राज्य में धर्मसेन नाम का एक और बड़ा राजा हुआ। उसकी चार रानियां थी। एक थी ब्राह्मण, दूसरी क्षत्रिय, तीसरी वैश्य और चौथी शूद्र। ब्राह्मणी से एक पुत्र हुआ, जिसका नाम ब्राह्मणीत रखा गया। क्षत्राणी से तीन बेटे हुए। एक का नाम शंख, दूसरे का नाम विक्रमादित्य और तीसरे का भर्तृहरि रखा गया। वैश्य से एक लड़का हुआ, जिसका नाम चंद्र रखा गया। शूद्राणी से धन्वन्तारि हुए।
जब वे लड़के बड़े हुए तो ब्राह्मणी का बेटा घर से निकल पड़ा और धारापुर आया। हे राजन्! वहां के राजा तुम्हारे पिता थे। उस लड़के ने राजा को मार डाला और राज्य अपने हाथ में ले करके उज्जैन पहुंचा। संयोग की बात है कि उज्जैन में आते ही वह मर गया। उसके मरने पर क्षत्राणी का बेटा शंख गद्दी पर बैठा। कुछ समय बाद विक्रमादित्य गद्दी पर बैठें।