ग्रहण के समय बन रहा है खतरनाक गुरु चांडाल योग
14 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना गया है, वहीं सूर्य आत्मा और ऊर्जा का भी कारक है। सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य पीड़ित हो जाते हैं। जब कोई ग्रह पीड़ित हो जाता है तो वह शुभफल प्रदान नहीं करता है। इसीलिए सूर्य ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है।
सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को वृश्चिक राशि में लगने जा रहा है। विशेष बात ये है कि सूर्य ग्रहण मिथुन लग्न में होगा। वृश्चिक राशि में सूर्य के साथ चंद्रमा, बुध, शुक्र, सूर्य और केतु भी मौजूद रहेंगे। सूर्य ग्रहण के दौरान 5 महत्वपूर्ण ग्रह वृश्चिक राशि में होंगे।
14 दिसंबर को सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 7 बजकर 4 मिनट से मध्य रात्रि तक रहेगा। भारत में इस ग्रहण को खंडग्रास माना जा रहा है। 12 राशियों को यह ग्रहण प्रभावित करेगा। शीर्ष पदों पर बैठे व्यक्तियों को यह सूर्य ग्रहण अधिक प्रभावित करेगा। कमजोर लोगों को धोखा देने और अपने अधिकारों का गलत प्रयोग करने वालों को न्याय प्रिय शनि दंड दे सकते हैं। वहीं देव गुरु बृहस्पति और बुध सोच समझ की शक्ति में वृद्धि करेंगे। सही और गलत अंतर समझ में आएगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान गुरु चांडाल योग बन रहा है। राहु की दृष्टि बृहस्पति पर रहेगी। बृहस्पति मकर राशि में शनि के साथ विराजमान है। गुरु चंडाल योग का निर्माण अप्रैल 2021 तब बना हुआ है। जिन लोगों की जन्म कुंडली में पहले से ही गुरु चंडाल योग बना हुआ है उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। सूर्य ग्रहण और ग्रहों की स्थिति के कारण दिसंबर से अप्रैल तक उथल पुथल की स्थिति बनी रहेगी। यह समय आम जनता के लिए भी परेशानी भरा हो सकता है।
सूर्य ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए 6 राशियों मेष, कर्क, मिथुन, कन्या, तुला और मकर को विशेष सावधानी बरतनी होगी। इस दौरान क्रोध और गलत कार्यों को करने से बचें।