आज साल 2020 की सबसे बड़ी खगोलीय घटना होने जा रही है। सबसे अधिक समय और अब तक का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण देखने को मिलेगा।
ग्रहण के दौरान सूर्य का लगभग 88 प्रतिशत हिस्सा चंद्रमा द्वारा ढक लिया जाएगा। आंशिक सूर्य ग्रहण रविवार को 10:13 से शुरू होकर 1:37 बजे तक रहेगा।
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है। इस छल्लेदार सूर्य ग्रहण को देखने के लिए खगोल शास्त्री इंतजार करते हैं। यह छल्लेदार सूर्य ग्रहण होगा...
5 जून से 5 जुलाई के बीच कुल तीन ग्रहण आ रहे हैं। इनको ज्योतिषी शुभ नहीं मान रहे हैं। पांच जून से लेकर पांच जुलाई के बीच दो चंद्र और एक सूर्य ग्रहण हैं। ज्योतिष विद्वानों का इस विषय में मत है कि जब भी एक माह में दो से अधिक ग्रहण होते हैं तो परिणाम शुभ नहीं होता है।
21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण को काफी महत्वपूर्ण और संवेदनशील माना जा रहा है। 21 जून को जब सूर्य ग्रहण लगे तब उस समय एक साथ 6 ग्रह वक्री चाल में चल रहें होंगे। इन ग्रहों में शनि, गुरु, शुक्र, बुध और राहु-केतु होंगे। वक्री चाल को ग्रहों की उल्टी चाल कहते हैं।
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सूर्य ग्रहण पर 6 ग्रहों की वक्री चाल से आपदाओं के बढ़ने का संकेत
21 जून को सूर्य ग्रहण लगेगा। इससे पहले 5 जून को भी चंद्र ग्रहण लगा था। 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा। ग्रहण का खगोलशास्त्र और ज्योतिष दोनों में महत्व होता है। धार्मिक नजरिए से जब सूर्य या चंद्रमा को राहु-केतु जोकि एक छाया ग्रह हैं इनकी छाया में आने पर ग्रहण लग जाता है। राहु और केतु दोनों ही अशुभ ग्रह है जब ये सूर्य और चंद्रमा को ग्रास करते हैं इस दौरान सूर्य और चंद्रमा को पीड़ा पहुंचती है।
दुनिया इस समय कोरोना वायरस के प्रकोप को झेल रही हैं। ऐसे में जानकार इस आपदा में 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण को काफी महत्वपूर्ण और संवेदनशील माना जा रहा है। 21 जून को जब सूर्य ग्रहण लगे तब उस समय एक साथ 6 ग्रह वक्री चाल में चल रहें होंगे। इन ग्रहों में शनि, गुरु, शुक्र, बुध और राहु-केतु होंगे। वक्री चाल को ग्रहों की उल्टी चाल कहते हैं।
सूर्य ग्रहण खंडग्रास होगा। जो भारत में देखा जा सकेगा। ग्रहण के अशुभ प्रभाव से इस दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को।
ग्रहण में सूतक काल का काफी महत्व होता है। सूर्य ग्रहण पर ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है। वहीं चंद्रग्रहण में ग्रहण 5 घंटे पहले लगता है। सूतक काल को अशुभ माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता।
21 जून को सूर्य ग्रहण पर सूतक 20 जून की रात 10 बजकर 5 मिनट से आरंभ होकर ग्रहण के समाप्ति तक रहेगा।
भारत में सूर्य ग्रहण का समय सुबह 10 बजकर 13 मिनट से दोपहर 1 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।