सूर्य ग्रहण के 3 प्रकार : 1.खग्रास या पूर्ण, 2.खंडग्रास या मान्द्य, 3.वलयकार या कंकणाकृति। 10 जून 2021 गुरुवार अमावस्या को वर्ष का पहला सूर्यग्रहण होने जा रहा है जिसे कृंकणाकृति सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है। आओ जानते हैं कि कहां-कहां दिखाई देगा यह सूर्य ग्रहण।
यहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण : यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तर पूर्वी भाग, उत्तरी एशिया और उत्तरी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। कुछ लोगों के अनुसार यह सूर्यग्रहण दक्षिणी अमेरिका, अंटार्कटिका, दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका, प्रशांत महासागर और आइसलैंड क्षेत्र में भी दिखाई देगा। कनाडा, रूस और ग्रीनलेण्ड में भी इसे देखा जा सकेगा।
ग्रहण का समय : भारतीय मानक समयानुसार इन हिस्सों में ग्रहण का प्रारंभ 1 बजकर 43 मिनट पर दिन में होगा तथा इसका मोक्ष 6 बजकर 41 मिनट शाम को होगा। ग्रहण लगने के 12 घंटे पूर्व ही सूतकाल लगता है।
भारत में नहीं रहेगा इसका सूतक काल : यह सूर्य ग्रहण भारत में न के बराबर दिखाई देगा। इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। शास्त्रों के अनुसार उपच्छाया ग्रहण या ना दिखाई देना वाले ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होता है।