Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

27 वर्ष के बाद दिवाली पर सूर्य ग्रहण का साया, जानिए आपकी राशि पर क्या होगा असर

हमें फॉलो करें 27 वर्ष के बाद दिवाली पर सूर्य ग्रहण का साया, जानिए आपकी राशि पर क्या होगा असर
, मंगलवार, 18 अक्टूबर 2022 (15:51 IST)
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का पर्व मनाया जाता है परंतु इस बार अमावस्या तिथि के दिन सूर्य ग्रहण है। हालांकि यह दिन में उक्त तिथि के समाप्त होने के बाद रहेगा। यह सूर्य ग्रहण नहीं होता तो संभवत: 25 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। आज से 27 वर्ष पहले 1995 में भी दिवाली पर ऐसा ही होग बना था। आओ जानते हैं कि आपकी राशि के लिए यह ग्रण शुभ है या अशुभ। 
 
सूर्य ग्रहण का राशियों पर प्रभाव | Surya grahan rashi effects 2022:
 
शुभफल- वृष, सिंह, धनु, मकर
मध्यम फल- मेष, मिथुन, कन्या, कुम्भ 
अशुभ फल- कर्क, तुला, वृश्चिक, मीन
ALSO READ: 25 अक्टूबर 2022 को सूर्य ग्रहण कहां दिखाई देगा, कब होगा शुरू और किस राशि पर होगा बुरा असर
मेष राशि : मेष राशि के जातकों के दांपत्य जीवन में खटपट हो सकती है। स्त्री पीड़ा रहेगी।
 
वृषभ राशि : वृषभ राशि के जातकों के लिए ग्रहण मध्यमस्थ है अर्थात सौख्य यानी सुख रहेगा। 
 
मिथुन राशि : मिथुन राशि के वालों के लिए ग्रहण जनता से युक्त अशुभ है। उन्हें चिन्ता रहेगी।
webdunia
Solar and Lunar Eclipse
कर्क राशि : कर्क राशि वालों के लिए ग्रहण व्यथा से युक्त है।
 
सिंह राशि : सिंह राशि वालों के लिए यह ग्रहण संयुक्त अर्थात कुछ लाभ वाला भी है।
 
कन्या राशि : कन्या राशि के लिए यह ग्रहण नुकसानदायक है। किसी बात की क्षति हो सकती है। 
 
तुला राशि : तुला राशि के लोगों के लिए यह ग्रहण कष्टों से भरा हो सकता है। कोई घात हो सकता है।
 
वृश्‍चिक राशि : वृश्‍चिक राशि वालों के लिए यह ग्रहण नुकसानदायक है। कोई हानि हो सकती है।
 
धनु राशि : धनु राशि वाले लोगों के लिए यह ग्रहण थोड़ा बहुत फायदे वाला है। लाभ हो सकता है।
मकर राशि : मकर राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण सुखदायक है। 
 
कुंभ राशि : कुंभ राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण हानिकारक है। खासकर मान सम्मान को ठेस पहुंच सकती है। 
मीन राशि : मीन राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण बहुत ज्यादा कष्ट दायक माना गया है।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

धनतेरस पर क्यों, कौन सी और कितनी झाड़ू खरीदना चाहिए और पूजा कैसे करें?