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...और ऊँचाइयाँ छुएगा भारतीय बैडमिंटन

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- आलोक श्रीवास्त
विश्व स्तर पर भारतीय बैडमिंटन का ग्राफ तेजी से ऊपर उठ रहा है। साइना नेहवाल, चेतन आनंद, अनूप श्रीधर, अरविंद भट्‍ट, पी. कश्यप, आनंद पवार और अजय जयराम जैसे शटलर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। साइना नेहवाल विश्व की शीर्ष दस महिलाओं में शामिल हैं वहीं चेतन आनंद ने अपने खेल में गजब का सुधार कर 15वीं रैंक पर कब्जा कर लिया है।

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हालाँकि चोट की वजह से अनूप श्रीधर जरूर बीजिंग ओलिम्पिक के बाद कोर्ट पर नहीं उतर सके हैं लेकिन अरविंद भट्‍ट के करियर का ग्राफ जिस तेजी से ऊपर उठ रहा है उससे लगता है कि बहुत जल्द यह खिलाड़ी भी शीर्ष 25 में शामिल होगा। इसी तरह पी. कश्यप और आनंद पवार विश्व रैंकिंग के शीर्ष 50 में शामिल हैं। इन खिलाड़ियों का अब तक प्रदर्शन तो शानदार रहा ही है, वर्ष 2009 में भी भारतीय खेलप्रेमियों को इनसे बहुत आशाएं होंगी। आइए जानते हैं आने वाले वर्ष में ये क्या गुल खिला सकते हैं।

अनूप श्रीधर : बीजिंग ओलिम्पिक में भले ही अनूप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल रहे हों लेकिन इसके पीछे उनकी चोट ने भी मुख्य रोल निभाया। बीजिंग में भी वह पूर्णत: स्वस्थ नहीं थे। अभी भी उनकी चोट ठीक नहीं हुई है। इसी कारण वे बीजिंग ओलिम्पिक के बाद किसी बड़े टूर्नामेंट में नहीं खेल सके हैं जिससे उनकी रैंकिंग गिरकर 45वें नंबर पर पहुँच गई है।

लेकिन इतना तय है कि जब से यह खिलाड़ी कोर्ट पर उतरेगा उसके बाद से उसे अपनी रैंकिंग में सुधार करने में बहुत समय नहीं लगेगा। संभव है वर्ष 2009 उनके करियर में मील का पत्थर साबित हो। भारतीय प्रशंसकों को उनसे बहुत उम्मीदें भी हैं।

अरविंद भट्‍ट : भारतीय बैडमिंटन का नया सितारा। लेकिन अपने करियर के प्रति सजग है यह खिलाड़ी इसका उदाहरण इस बात से लगाया जा सकता है कि बंगाल की पूर्व चैंपियन पल्लवी सेन गुप्ता से परिणय सूत्र में बँधने के दूसरे दिन ही उन्होंने वर्ष 2009 का लक्ष्य निर्धारित कर दिया। अरविंद ने जून 2009 तक शीर्ष २० में अपना स्थान बनाने का निश्चय किया है। इसके साथ ही इस खिलाड़ी को विश्वास है कि यदि उसकी वर्तमान फॉर्म जारी रही तो डेढ़ साल के अंदर वह टॉप १० में होंगे।

चेतन आनंद : वर्तमान में विश्व नंबर 15 पर काबिज इस खिलाड़ी ने अपने खेल में बहुत सुधार किया है। अगले वर्ष वह भारत के सबसे सफल बैडमिंटन के रूप में जाने जा सकते हैं। जिस तरह से कोर्ट पर वह अपने प्रतिद्वंद्वियों खिलाड़ियों पर भारी पड़ रहे हैं उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि बहुत जल्द ही वह विश्व के शीर्ष दस बैडमिंटन खिलाड़ियों में शामिल होंगे।

पी. कश्यप : विश्व रैंकिंग में 49वें पर कायम। भारतीय बैडमिंटन की नई उम्मीद। ऐसे ही कुछ अन्य नामों से जाने जाते हैं पी. कश्यप। अपनी इसी फार्म को यदि वह आने वाले वर्ष में भी जारी रखने में सफल हो जाते हैं तो निश्चित रूप से भारतीय बैडमिंटन को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में वह बहुत मददगार साबित हो सकते हैं।

अदिति मुतातकर : इस वर्ष क्रोशिया ओपन के सेमीफाइनल और योनेक्स सनराइज इंडियन ओपन के प्रीक्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली भारत की यह खिलाड़ी साइना की राह पर है। विश्व रैंकिंग में 36वें नंबर पर काबिज अदिति के खाते में बहुत अधिक उपलब्धियाँ तो भले ही न दर्ज हों लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि आने वाला समय उनका होगा।

आनंद पवार : विश्व रैंकिंग में कश्यप के ठीक बाद 50वें नंबर पर काबिज। पवार अपने पावरफुल गेम की बदौलत विश्व स्तर पर भारतीय परचम लहराने में कोई कसर नहीं छो़ड़े हुए हैं। महाराष्ट्र के इस खिलाड़ी ने अपने खेल से बहुतों को प्रभावित किया है। आशा की जा सकती है कि वर्ष 2009 में वह अपने प्रशंसकों की संख्या में और इजाफा करेंगे।

साइना नेहवाल : साइना इज शाइनिंग। शायद इस खिलाड़ी के लिए यही सबसे उपयुक्त टिप्पणी होगी। साइना ने इस वर्ष जिन ँचाइयों को छुआ है उससे उनकी प्रतिभा के बारे में अंदाजा लग जाता है।

बीजिंग में क्वार्टर फाइनल तक का सफर, सुपर मास्टर्स सीरीज के सेमीफाइनल में पहुँचना, विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप का स्वर्ण, युवा राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण, योनेक्स चाइनीज-ताइपे ओपन में स्वर्ण, राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जैसी उपलब्धियाँ हासिल करना किसी साधारण खिलाड़ी के बूते की बात नहीं है।

लेकिन साइना सफल भी हुईं और विश्व की शीर्ष दस महिला खिलाड़ियों में जगह भी बनाई। उनके खेल को देखकर ऐसा लगता है कि सिर्फ वर्ष 2009 ही नहीं, बल्कि आने वाले कई वर्षों तक बैडमिंटन कोर्ट पर उनका डंका बजता रहेगा।

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