- स्वरुप वाजपेयी/डॉ. सुरेंद्र कवठेकर
फ्रेंच ओपन 2007 ऐतिहासिक बन गया, जो हुआ वह शायद स्पर्धा के 82 वर्षीय इतिहास में कभी नहीं हुआ। महिलाओं में जस्टिस हैनिन और पुरुषों में राफेल नडाल ने न केवल खिताब जीता बल्कि दोनों ही 'खिताबी हैट्रिक' बनाने में भी कामयाब हो गए।
यह तो मालूम ही था कि फेडरर जीतें या नडाल, कोई विशिष्ट रिकॉर्ड तो बनेगा ही। फेडरर अगर जीत जाते तो ओपन एरा में रॉड लेवर एवं आंद्रे अगासी के बाद चारों ग्रैंड स्लैम स्पर्धाओं में अपना परचम लहराने वाले वे (फेडरर) तीसरे खिलाड़ी होते। पर नडाल ने 6-3, 4-6, 6-3, 6-4 से खिताब जीतकर फेडरर को यह कामयाबी लेने से वंचित कर दिया।
नडाल लगातार तीसरी बार फ्रेंच विजेता बन गए और उनकी हैटट्रिक इन अर्थों में महत्वपूर्ण है कि ओपन एरा में महान ब्योर्न बोर्ग के बाद ऐसा करने वाले वे दूसरे खिलाड़ी हैं। बोर्ग ने वैसे तो फ्रेंच खिताब छः बार जीतने (ओपन एरा में सर्वाधिक) का करिश्मा किया है, पर उन्होंने लगातार चार बार (1978 से 81) इसे अपना बनाया है। नडाल अभी बोर्ग से पीछे हैं, लेकिन दूसरे तो हैं।
हैनिन की लगातार तीन जीत के बाद निगाहें क्ले कोर्ट मास्टर नडाल पर ही लगी थीं कि वे पेरिस में अपनी सफलता तिहरा पाते हैं अथवा नहीं। वे सफल रहे और इस तरह ग्रैंड स्लैम स्पर्धा के इतिहास में एक विशिष्ट कीर्तिमान बन गया, जब महिला और पुरुष खिलाड़ियों ने एक साथ 'खिताबी हैट्रिक बना डाली।'
ओपन एरा में फ्रेंच ओपन की लगातार तीन जीत
करिश्मा बोर्ग का : बोर्ग ने 1974 में फ्रेंच ओपन में मैन्युअल ओरेंट्स को शिकस्त देकर अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब अर्जित किया। अगले वर्ष (1975) गुइरेमो विलास को हराकर बोर्ड पुनः फ्रेंच खिताब जीते। लेकिन अगले दो वर्षों तक बोर्ग यहाँ गुमसुम रहे। 1978 में बोर्ग ने विलास, 1979 में वी. पेक्की तथा 1980 में विंटास जेरू लाइटिस को हराते हुए बोर्ग फ्रेंच खिताबी हैट्रिक बनाने में कामयाब हो ही गए।
बोर्ग का आक्रोश यहीं खत्म नहीं हुआ और 1981 में खेले गए फाइनल में बोर्ग ने इवान लेंडल को हराया। फ्रेंच खिताबी हैटट्रिक, लगातार चार बार फ्रेंच ओपन जीतने वाले और सर्वाधिक छः बार फ्रेंच ओपन जीतने वाले बोर्ग पहले खिलाड़ी बने।
बोर्ग के बाद खिताबी हैट्रिक नडाल की
नडाल ने अपने इस अभियान में मारियानो पूर्तो (2005) और रोजर फेडरर (2006, 07) को पराजित किया और बोर्ग के बाद 'हैट्रिक' बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी बने। पर वर्तमान में क्ले कोर्ट के मास्टर नडाल को अगले वर्ष फिर खिताब जीतना होगा (बोर्ग के लगातार चार खिताब)। यही नहीं, उन्हें इसके बाद भी दो खिताब और चाहिए (बोर्ग के कुल 6 फ्रेंच खिताब)। फिर भी वे बोर्ग की बराबरी पर ही आ पाएँगे तथा दूसरे (बोर्ग के बाद) ही कहलाएँगे।
तीन खिताब जीतने वाले अन्य खिलाड़ी
बोर्ग (6) और नडाल (लगातार 3) के अलावा ओपन एरा में तीन अन्य खिलाड़ियों ने फ्रेंच ओपन में तीन बार विजय (लगातार नहीं) प्राप्त की है। मेट्स विलेंडर जो 1982 (वि. जी. विलास), 1985 (वि. इवान लेंडल) और 1988 (वि. हैनरी लेकां) में विजेता रहे। इवान लेंडल ने 1984 में जॉन मेकनरो, 1986 में एम. पर्नफोर्स और 1987 में मेट्स विलेंडर को हराया, गुस्तावो कुएर्तन 1997 (वि. सर्जी ब्रुगेरा), 2000 (वि. मैग्नस लार्सन) तथा 2001 (वि. अलबर्टो कोरेत्जा) में फ्रेंच विजेता रहे।
लगातार दो बार फ्रेंच ओपन जीतने वाले
जॉन कोदेस (70, 71), बी. बोर्ग (74, 75), जिम कुरियर (91, 92), सर्जी ब्रुगेरा (92, 94)। वर्ष 2007 में नडाल की फ्रेंच सफलता ने उन्हें ओपन एरा के फ्रेंच विजेता 24 खिलाड़ियों में बोर्ग के बाद का दर्जा तो दिला दिया है, इसी सतह पर वे आगे क्या कुछ कर पाते हैं, यह समय बताएगा। एक रिकॉर्ड तो उन्होंने पेरिस में बना ही डाला है।
नडाल विरुद्ध फेडरर : बहुत आगे हैं नडाल
टेनिस स्पर्धा का अगला प्रमुख पड़ाव है विम्बलन, जहाँ पिछले 4 वर्षों से रोजर फेडरर की बादशाहत कायम है और इधर हैं रफेल नडाल जो फेडरर को पिछले दो वर्षों से फ्रेंच खिताब से दूर रखने में कामयाब हो रहे हैं। अगर फेडरर की एक फ्रेंच जीत उन्हें ओपन एरा के रॉड लेवर एवं आंद्रे अगासी के समकक्ष ला खड़ा करने वाली है, जिन्होंने कि टेनिस के चारों प्रतिष्ठित खिताब जीत रखे हैं।
नडाल विम्बलन जीतकर ऐसे खिलाड़ियों की श्रेणी में जरूर खड़ा होना चाहेंगे जिन्होंने 'क्ले' (फ्रेंच) और 'ग्रास' (विम्बलन) दोनों पर अपना प्रभुत्व जमाया है। हाल फिलहाल नडाल की फेडरर पर फ्रेंच ओपन की खिताबी जीत ने दोनों के बीच का समीकरण 8-4 का कर दिया है। मियामी-2004 से फ्रेंच-2007 तक दोनों धुरंधर 12 बार आमने-सामने हुए हैं, नडाल 8 बार कामयाब रहे हैं तो फेडरर सिर्फ 4 बार।
मुकाबले 2004 से 2007 तक
* एटीपी मियामी-2004 के दूसरे दौर में नडाल ने फेडरर को 6-3, 6-3 से हराया।
* एटीपी मास्टर्स श्रृंखला, मियामी-2005- पाँच सेटों तक चले संघर्ष में फेडरर 2-6, 6-7 (4), 7-6 (5), 6-3, 6-1 से विजेता रहे और खिताब जीता।
* फ्रेंच ओपन सेमीफाइनल 2005, नडाल 6-3, 4-6, 6-4, 6-3 से विजयी।
* दुबई ओपन फाइनल 2006, फिर नडाल जीते 2-6, 6-4, 6-4 से।
* एटीपी मास्टर्स श्रृंखला मांटेकार्लो, फाइनल 2006, नडाल ने 6-2, 6-7, (2), 6-3, 7-6, (5) से खिताब अपने नाम किया।
* एटीपी मास्टर्स श्रृंखला रोम, फाइनल 2006, नडाल ने एक लंबे संघर्ष के बाद फेडरर को 6-7 (0), 7-6 (5), 6-4, 2-6, 7-6 (5) हराया।
* फ्रेंच ओपन फाइनल 2006, नडाल जीते 6-0, 7-6 (5), 6-7 (2), 6-3 से, फेडरर वंचित खिताब से।
* विम्बलडन फाइनल 2006, फेडरर ने नडाल को 6-0, 7-6 (5), 6-7 (2), 6-3 से पराजित करते हुए लगातार चौथी बार खिताब अपने नाम किया।
* मास्टर्स कप 2006 सेमीफाइनल फेडरर ने नडाल को 6-4, 7-5 से हराया।
* मांटेवार्लो फाइनल 2007, नडाल 6-4, 6-4 से जीते।
* हेम्बर्ग मास्टर्स फाइनल 2007, फेडरर ने नडाल को 2-6, 6-2, 6-0 से हराया।
* फ्रेंच ओपन फाइनल 2007, नडाल ने 6-3, 4-6, 6-3, 6-4 से फेडरर को हराया और लगातार तीसरी बार फ्रेंच विजेता बने।
ग्रैंड स्पर्धाओं का रिकॉर्ड नडाल तीन बार (तीनों बार फ्रेंच) और फेडरर एक बार (विम्बलडन) विजयी रहे। दोनों के बीच स्पर्धाओं के फाइनल का रिकॉर्ड- नडाल 6 बार और फेडरर 3 बार विजेता बने। और अगर कोई अप्रत्याशित बात न हो जाए तो विम्बलडन खिताब एक बार फिर तलबगार है दोनों का।