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फ्रेंच ओपन में हैनिन की खिताबी हैट्रिक

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सर्बियाई एना इवानोविच दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी जस्टिन हैनिन के समक्ष कोई चुनौती पेश नहीं कर सकीं। हैनिन ने आसानी से (6-1, 6-2) से मुकाबला जीता और फ्रेंच ओपन में खिताबी हैट्रिक बनाने में कामयाब हो गईं।

इसके पूर्व हैनिन 2005 में मेरी पियर्स तथा 2006 में स्वेतलाना कुज्नेत्सोवा को शिकस्त देते हुए खिताब जीत चुकी हैं। ओपन एरा (1968 के बाद) में फ्रेंच ओपन लगातार तीन बार जीतने वाली वे (हैनिन) मोनिका सेलेस के बाद दूसरी महिला खिलाड़ी हैं। सेलेस ने 1990, 91 व 92 में फ्रेंच ओपन जीता था।

ओपन एरा के पूर्व फ्रेंच ओप

ग्रैंड स्लैम स्पर्धाओं में सबसे पहले आरंभ हुआ विम्बलडन, 1884 में एम. वाटसन एल. वाटसन को पराजित कर यहाँ विजेता बनी थीं। यूएस ओपन की शुरुआत 1887 में हुई, ई. हेंसेल एल. नाइट के विरुद्ध खिताब जीती थीं।

यूएस ओपन के 35 बरस बाद आगाज हुआ ऑस्ट्रेलियन ओपन का, खिताब जीतने का श्रेय मिला था एम. मोल्सवर्थ को, पराजित रही थीं ईएफ बॉयड। 1925 में पहली बार फ्रेंच ओपन में महिलाओं के एकल मुकाबले में सुजान लेंग्ले विजयी रही थीं के. मेककेन के विरुद्ध।

1925 से 67 के बीच 42 बार फ्रेंच ओपन का फाइनल

सुजान लेंग्ले (1925) से लेकर एफ. डयूर (1967) तक 28 महिला खिलाड़ी इस दौर में विजेता बनकर उभरी हैं। लगातार तीन बार विजेता बनने का श्रेय केवल दो खिलाड़ियों को ही मिल सका है, वे खिलाड़ी हैं हेलन विल्स (मूडी) और एच. स्पर्लिंग।

हेलन विल्स ने 1928 में ई. बैनेट, 1929 में आर. मैथ्यूू एवं 1930 में मूडी बनकर एचएच जैकब्स को पराजित करते हुए अपनी खिताबी हैटट्रिक पूरी की। तो एच. स्पर्लिंग ने यह काम 1935 से 37 के दौरान किया। तीनों बार स्पर्लिंग के निशाने पर रहीं आर. मैथ्यू। आर. मैथ्यू ने 1929 से 1939 के दौर में 8 बार फाइनल खेला था वे दो बार विजेता व छः बार उपविजेता रहीं।

लगातार दो बार की विजेता खिलाड़

एस लेंग्ले (1925, 26), एमसी स्कीवन (1933-34), आर. मैथ्यू (1938-39), ए. विवेर्स (1941-42) तथा एम. कोनोली (1953-54)।

ओपन एरा (1968-2007) की फ्रेंच विजेता

ओपन एरा में 2007 तक 40 एकल मुकाबले खेले जा चुके हैं और 19 महिला खिलाड़ियों ने खिताब जीते हैं। खिताबी हैट्रिक बनाने का श्रेय यहाँ भी केवल दो खिलाड़ियों को मिला है, वे हैं मोनिका सेलेस और जस्टिन हैनिन।

मोनिका 1990 में पहली बार स्टेफी ग्राफ को हराकर विजेता बनी थीं जबकि 1991 में उन्होंने अरांचा सांचेज के खिलाफ जीत हासिल की थी। फिर आया वर्ष 1992, एक बार फिर मोनिका फाइनल में स्टेफी के सामने थीं और स्टेफी को मात देकर उन्होंने विजय की हैटट्रिक बना ही ली।

वर्तमान दौर जस्टिस हैनिन का ह

सेलेस के बाद हैनिन भी फ्रेंच खिताबी हैटट्रिक बनाने में कामयाब रहीं। हैनिन ने मेरी पियर्स (2005), स्वेत्लाना कुज्नेत्सोवा (2006) और एना इवानोविच (2007) को पराजित किया। 2001 के विम्बलडन खिताब को वीनस विलियम्स के हाथों खोने वाली हैनिन ने 2003 में अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीता (फ्रेंच ओपन वि. किम क्लिस्टर्स)। और तब से लेकर वे 2007 के फ्रेंच ओपन तक 9 बार ग्रैंड स्लैम स्पर्धाओं के फाइनल में प्रवेश लेकर चार बार फ्रेंच और एक-एक बार ऑस्ट्रेलियन व यूएस ओपन जीत चुकी हैं।

मोनिका के समान विम्बलडन खिताब हैनिन की पहुँच से भी अभी दूर ही है। 2001 विम्बलडन फाइनल में उन्हें वीनस ने हराया और पिछले वर्ष के फाइनल में एमिली मॉरेस्मो उनकी खिताबी राह में रुकावट बनी थीं। विश्व नंबर वन हैनिन ने 2006 में चारों स्पर्धाओं का फाइनल खेला था, पर सफलता उन्हें फ्रेंच में ही मिल पाई थी (वि. कुज्नेत्सोवा)।

नई शताब्दी में ग्रैंड स्लैम स्पर्धाएँ और महिला खिलाड़

ऑस्ट्रेलियन ओपन (2001) से फ्रेंच ओपन (2007) के बीच 26 ग्रैंड स्लैम खिताब हैं। और इन खिताबों के लिए हुए द्वंद्व में तीन खिलाड़ियों का विशेष दबदबा रहा है। जस्टिन हैनिन ने 10 स्पर्धाओं के फाइनल खेले, 6 खिताब जीते व 4 में उपविजेता रहीं।

सेरेना विलियम्स 9 बार फाइनल में पहुँची, 7 खिताब जीते, 2 में उपविजेता रहीं। वीनस विलियम्स ने 8 फाइनल खेलकर 3 खिताब जीते व 5 में उपविजेता रहीं। सेरेना फ्रेंच ओपन की समाप्ति तक हैनिन से न केवल एक खिताब आगे हैं, बल्कि नई शताब्दी के इन वर्षों की पहली महिला खिलाड़ी भी हैं जिन्होंने एक न एक बार चारों ग्रैंड स्लैम स्पर्धाएँ जीती हैं। उधर हैनिन अब तक विम्बल्डन नहीं जीत सकी हैं। देखना दिलचस्प रहेगा कि 2007 का विम्बल्डन उनके लिए खुशियों की सौगात लाता है या नहीं।

मोनिका सेलेस की विशिष्टत

1990 में फ्रेंच ओपन के रूप में अपने करियर का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाली मोनिका ने ऑस्ट्रेलियन ओपन 1993 तक खेली गई 12 ग्रैंड स्लैम स्पर्धाओं में से 9 फाइनल खेले और 8 में विजेता बनीं जबकि 92 विम्बल्डन में उपविजेता रहीं।

1996 में एक बार फिर मोनिका ने ऑस्ट्रेलियन ओपन जीता। अपने करियर में 4 बार ऑस्ट्रेलियन, 3 बार फ्रेंच व 2 बार यूएस खिताब जीतने वाली मोनिका सेलेस ने वर्ष 1992 में चारों स्पर्धाओं के फाइनल में दस्तक दी और विम्बलडन छोड़ शेष तीनों में विजेता बनीं। 1991 में मोनिका ने तीन खिताब जीते थे (विम्बलडन नहीं) और मोनिका विम्बलडन कभी नहीं जीत सकीं।

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