- स्वरुप वाजपेयी
भले ही ओपन एरा आरंभ होने के वर्ष (1968) के मुद्रा मूल्य और वर्तमान (2007) के मुद्रा मूल्य में हम जमीन-आसमान का अंतर मान लें फिर भी उस वर्ष अर्थात 1968 में टेनिस के सर्वकालिक महान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी रॉड लेवर ने जब विम्बलडन विजय की थी तब उन्हें मात्र 2000 पौंड की पुरस्कार राशि प्राप्त हुई थी।
इसे यूँ भी कहा सकता है कि 2007 के विजेता फेडरर को 1968 के विजेता लेवर की तुलना में 350 गुना अधिक रकम पुरस्कार के रूप में मिली है या लेवर को फेडरर की तुलना में 0.00285 राशि ही प्राप्त हुई थी। सर्वकालिक श्रेष्ठ इन्हीं रॉड लेवर ने वर्ष 1969 में ए. गिमेनो (ऑस्ट्रेलियन ओपन), केन रोजवाल (फ्रेंच), जॉन न्यूकाम्ब (विम्बलडन) और एडी रोश (यूएस ओपन) को हराते हुए 'ग्रैंड स्लैम' बनाया था।
यही लेवर ओपन एरा के पूर्व 1962 में भी 'ग्रैंड स्लैम' बना चुके थे। जाहिर सी बात है आज के दौर में किसी खिलाड़ी से 'ग्रैंड स्लैम' बनाने (एक ही वर्ष में चारों खिताब जीतने) की उम्मीद रखना ही बेकार सी बात है फिर वे वर्तमान विम्बलडन विजेता फेडरर अथवा उप विजेता नडाल ही क्यों न हों।
वर्तमान के चुनौती भरे दौर में तो खिलाड़ियों के लिए चारों स्पर्धाओं को ही जीतना दूभर होता जा रहा है। फेडरर को ही लें ऑस्ट्रेलियन, विम्बलडन व यूएस ओपन खिताब 11 मर्तबा जीते फेडरर को एक अदद फ्रेंच खिताब अब तक तो नहीं मिल सका है।
तब महिलाओं की स्थिति तो और भी गई गुजरी थी : आज तो दो सीधे सेट जीतकर वीनस विलियम्स 7 लाख पौंड की हकदार बन बैठी हैं। पर 1968 में ऐसा कहाँ था। विजेता बनकर रॉड लेवर ने तो 2000 पौंड प्राप्त किए थे पर विम्बलडन में महिला वर्ग का खिताब जीतने वाली बिली जीन किंग को तो मात्र 750 पौंड पर ही संतोष करना पड़ा था।
वीनस विलियम्स को (2007) बिली जीन किंग (1968) की तुलना में 933.33 गुना अधिक राशि प्राप्त हुई है या दूसरे शब्दों में किंग को वीनस की तुलना में 0.00107 कम धन प्राप्त हुआ था। कैसी विसंगति है, कितनी नाइंसाफी है।
दूर न जाएँ फिर भी 1991 की बात है : तब विम्बलडन विजेता बने थे माइकल श्टिख और उन्हें 2 लाख 40 हजार पौंड तथा महिला विजेता स्टेफी ग्रॉफ को 2 लाख 16 हजार पौंड पुरस्कार राशि मिली थी। यही पुरस्कार राशि 1990 में क्रमशः 2 लाख 30 हजार व 2 लाख 7 हजार पौंड थी, जिसे अपने-अपने वर्ग में विजेता बनकर स्टीफन एडबर्ग व मार्टिना नवरातिलोवा ले गई थीं।
17 वर्ष बाद पुरुष विजेता फेडरर, एडबर्ग से 4 लाख 70 हजार पौंड तथा महिला विजेता वीनस, मार्टिना से 4 लाख 93 हजार पौंड अधिक राशि प्राप्त कर गई। धन फटा पड़ रहा है विम्बलडन में।
आठवें दशक के प्रारंभ की कथा : विजेता जॉन न्यूकाम्ब (पुरुष) को 3750 पौंड और इवान गुलगांग (महिला) को 1800 पौंड का पुरस्कार मिला था। पर जब आठवाँ दशक समाप्ति पर था तब ब्योन बोर्ग (पुरुष) और ए. कॉउली (महिला) को क्रमशः 20 हजार एवं 18 हजार पौंड मिले थे, 1980 की बात है ये। तब बोर्ग ने लगातार पाँचवीं बार विम्बलडन फतह की थी।
27 वर्ष बाद रोजर फेडरर ने बोर्ग का रिकार्ड बराबर किया और उन्हें जो पुरस्कार राशि मिली वह बोर्ग को मिलने वाली राशि से 35 गुना अधिक है। बोर्ग स्वयं इस मौके पर मौजूद थे। उधर वीनस को गुलगांग की तुलना में 38.88 गुना अधिक रकम मिली।
आगाज नौवें दशक का और विम्बलडन का धन : 1981 में जॉन मैकनरो पुरुषों में तथा क्रिस एवर्ट लॉयड महिलाओं में खिताब जीती थीं, मैकनरो को मिलने वाली पुरस्कार राशि थी 21600 पौंड जबकि एवर्ट को 19440 पौंड मिले थे। और इन्हीं मैकनरो को दस वर्ष बाद चौथे दौर में स्टीफन एडबर्ग से हारने के बावजूद 16800 पौंड की राशि प्राप्त हुई थी (1991)। 1991 की विजेता की पुरस्कार राशि 2 लाख 40 हजार पौंड थी जबकि 1981 में मैकनरो को 21600 पौंड पर संतोष करना पड़ा था।
पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में धन वर्षा अधिक : 1968 में एक पुरुष विजेता को यदि 100 पौंड मिले तो महिला विजेता का अनुपात था 37.50 पौंड। लेवर को 2000 पौंड तथा किंग को 750 पौंड मिले थे। धीरे-धीरे दोनों के बीच का यह अनुपात 100 और 50 का हुआ। आठवें दशक में दोनों को मिलने वाली धनराशि का समीकरण फिर बदला और आज तो स्थिति यह है कि दोनों वर्गों के विजेताओं को समान धन से नवाजा जाता है।
इस बात के स्टीफन एडबर्ग कड़े आलोचक थे : क्योंकि एडबर्ग का मानना था कि महिलाओं के फैसले तो मात्र तीन सेटों (या कभी-कभी दो में भी) में ही हो जाया करते हैं जबकि पुरुषों के लिए दो नहीं तीन सेटों में विजय पाना एक अनिवार्यता है।
मैराथन मुकाबला तो लंबे संघर्ष के बाद पाँच सेटों तक चलता है। 2007 के दोनों वर्गों के फाइनल को ही लें- अंतिम पड़ाव पर आकर वीनस ने जहाँ दो सीधे सेटों में मैदान मारा विजेता बनीं वहीं फेडरर को अपने लगातार पाँचवें खिताब के लिए पाँच सेटों के संघर्ष का संताप झेलना पड़ा।
बहरहाल कहाँ 1968 और कहाँ 2007, कहाँ रॉड लेवर-बिली जीन किंग और कहाँ फेडरर-वीनस विलियम्स, विम्बलडन की धन वर्षा जहाँ पुरुषों में 350 गुना वृद्धि के साथ हुई है वहीं महिलाओं में 933.33 गुना धन बरसा है, बड़ा फर्क है, तब में, अब में।