ओपन एरा का 39 वर्षों का टेनिस इतिहास यह बताता है कि विम्बलडन का एकल खिताब इन वर्षों में 18 खिलाड़ियों ने जीता है। इन 18 में से मात्र 4 (रॉड लेवर, बोर्ग, जॉन कोदेस और अगासी) खिलाड़ी ही दोनों प्रतिष्ठित खिताब (फ्रेंच, विम्बलडन) अपने हाथ में रखने में सफल रहे हैं, जबकि शेष रहे 14 की कोशिशें उन्हें 'फ्रेंच' में कामयाब नहीं कर सकीं। इन 14 में से 4 ने विम्बलडन की जीत के साथ फ्रेंच' का फाइनल जरूर खेला।
14 में से 4 ने खेला फ्रेंच फाइनल : 1981, 83 व 84 के विम्बलडन विजेता जॉन मैकनरो वर्ष 84 में फ्रेंच के फाइनल में भी थे, पर वहाँ उन्हें इवान लेंडल ने हरा दिया व मैकनरो का ख्वाब अधूरा रह गया। स्टीफन एडबर्ग ने 1988 व 93 में विम्बलडन विजेता बनने का श्रेय प्राप्त किया, पर 1989 के फ्रेंच फाइनल में उन्हें माइकल चांग ने हरा दिया।
1991 के विम्बलडन विजेता माइकल श्टिख का भी 1996 के फ्रेंच में यही हश्र हुआ, श्टिख को कैफेलनिकोव ने नहीं जीतने दिया। और चौथा नाम रोजर फेडरर का है, जो 2003 से लगातार विम्बलडन जीत रहे हैं, पर इन्हीं श्टिख की फ्रेंच जीतने की कोशिशों को पिछले वर्ष नडाल ने नाकामयाब कर दिया था। श्टिख, नडाल इस वर्ष भी फ्रेंच में हैं, पर विम्बलडन विजेता अन्य 10, जिनमें कोनोर्स, सैम्प्रास व बेकर जैसी हस्तियाँ शामिल हैं, फाइनल तक भी नहीं पहुँच सके।
टेनिस के दिग्गज खिलाड़ी : जॉन न्यूकांब, स्टान स्मिथ, ऑर्थर एश, जिमी कोनोर्स, जॉन मैकनरो जैसे पुराने दिग्गजों के साथ पैट कैश, बोरिस बेकर, स्टीफन एडबर्ग, माइकल श्टिख, रिचर्ड क्राइचेक, पीट सैम्प्रास, गोरान इवानिसेविच, लेटन हैविट और रोजर फेडरर इसमें शामिल हैं। 2006 में फेडरर, जो चार बार लगातार विम्बलडन जीत चुके हैं, फ्रेंच के फाइनल में राफेल नडाल से मात खा चुके हैं। 2007 में भी फेडरर फ्रेंच द्वंद्व में शामिल थे, लेकिन नडाल ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
बड़ा अटपटा सा लगता है : यह सुनकर कि सात बार के विम्बलडन विजेता पीट सैम्प्रास, चार बार के विजेता फेडरर, तीन-तीन बार विम्बलडन जय कर चुके मैकनरो एवं बेकर फ्रेंच को अपना न बना सके।