- स्वरूप बाजपेयी
सानिया मिर्जा का रूसी टेनिस खिलाड़ियों से राग-द्वेष एक लंबे समय से चला आ रहा है। कभी सानिया वार करती हैं और रूसी खिलाड़ी स्पर्धा से बाहर हो जाती हैं तो कभी उनका वार सानिया को धराशायी कर जाता है।
ताजा मिसाल है सान डिएगो में खेली जा रही 'एक्यूरा क्लासिक टेनिस स्पर्धा' है, जहाँ सानिया ने अपनी ही युगल साथी सहर पीर और पीर के बाद यूनानी एलेना दालिनी दारू को हराया और तब उनका सामना हुआ रशियन दिनारा साफिन से, सानिया ने ताबड़तोड़ साफिन की चुनौती तोड़ी और अंतिम आठ में पहुँचीं।
यहाँ एक और रूसी सुंदरी मारिया शारापोवा उनका इंतजार कर रही थीं, मारिया ने सानिया को आगे नहीं बढ़ने दिया। तो यही रशियन राग-द्वेष उनके साथ 2005 से चला आ रहा है। अधिकांश अवसरों पर सानिया उनकी वजह से स्पर्धा में आगे नहीं बढ़ सकीं। आइए एक नजर डालें सानिया बनाम रूसी द्वंद्व पर-
वर्ष 2005 में आठ बार ऐसे मुकाबले हुए : जिसमें सानिया मिर्जा को रूसी खिलाड़ियों के खिलाफ खेलना पड़ा। इनमें से सानिया ने तीन व रूसी खिलाड़ियों ने पाँच मुकाबले जीते। सानिया मिर्जा ने हैदराबाद ओपन के सेमीफाइनल में मारिया किरिलेंको (6-4, 7-6), दुबई ओपन प्री-क्वार्टर दौर में स्वेतलाना कुजनेत्सोवा (6-4, 6-2) तथा सेन डिएगो में गेलिना वास्को बोएवा (6-2, 6-1) के खिलाफ जीत दर्ज की।
सानिया पराजित रूसियों से : विम्बलडन के दूसरे दौर में कुजनेत्सोवा से, सेन डिएगो एक्यूरा क्लासिक दूसरे दौर में नादिया पेत्रोवा से, यूएस ओपन के प्री-क्वार्टर दौर में मारिया शारापोवा से (शारापोवा को स्पर्धा में दूसरी वरीयता प्राप्त थी), बाली में पहले दौर में एस. बायचकोवा से तथा टोकियो में वेरा ज्वेनारोवा से वे क्वार्टर फाइनल में पराजित हुईं।
वर्ष 2006 में रशियन ने उन्हें जीतने नहीं दिया : वर्ष 2006 में 6 बार सानिया एवं रूसी खिलाड़ियों के बीच मुकाबले हुए और एक मुकाबला भी सानिया जीत नहीं पाईं। इंडियन वेल्स के दूसरे दौर में एलेना दीमेंतिवा, फ्रेंच ओपन पहले दौर में एनास्तासिया मिस्किना, विम्बलडन के पहले दौर में एलेना दीमेंतिवा, स्टेनफोर्ड पहले दौर में वेसेलिसा बारदिना, सेन डिएगो प्री-क्वार्टर दौर में एलेना दीमेंतिवा तथा ताशकंद ओपन क्वार्टर फाइनल में ओल्गा पाउचकोवा ने सानिया को जीतने नहीं दिया।
द्वंद्व 2007 के : होबार्ट से लेकर सेन डिएगो के एक्यूरा क्लासिक टूर्नामेंट तक सानिया का यह द्वंद्व निरंतर जारी है। होबार्ट में मारिया किरिलेंको को सानिया 6-4, 6-4 से पराजित करने में कामयाब रहीं, किंतु इसी स्पर्धा के सेमीफाइनल में एन्ना चाक्वेताद्जे उन पर भारी पड़ीं। उधर बंगलोर में सानिया को यारोस्लावा स्वेदोवा से मात मिली।
विम्बलडन के पहले दौर में स्वेदोवा को तो उन्होंने हरा दिया, किंतु अगले दौर में एक और रूसी नादिया पेत्रोवा के सामने सानिया नहीं ठहर सकीं। स्पर्धा की समाप्ति के पश्चात सानिया रैंकिंग में छः स्थानों की छलाँग लगाने में जरूर सफल रहीं, 44वें स्थान से वे 38वें स्थान पर आ गईं।
सिनसिनाटी में : सानिया ने यहाँ पहले दौर में एबी गेल स्पीयर्स (अमेरिका), दूसरे में बारबरा लेवचेंको (उज्बेकिस्तान) तथा क्वार्टर फाइनल में ओल्गा गोवरोत्सोवा (बेलारूस) से पार पाते हुए सेमीफाइनल में कदम रखा, किंतु रूसी एन्नाा चाक्वेताद्जे ने उनके सारे सपनों को तोड़ दिया।
पर सानिया-मैटेक की युगल जोड़ी ने एलेना जिदकोवा (रूस) व तात्याना पुश्केवा के खिलाफ युगल खिताब जीत लिया। सानिया की एकल रैंकिंग 38 के बजाय 35 व युगल रैंकिंग 38 के बजाय 36 पर आ टिकी।
बैंक ऑफ द वेस्ट क्लासिक स्पर्धा : अकिको मारीगामी (जापान), तात्याना गोलोविन (फ्रांस), पैट्टी स्नायडर (स्विट्जरलैंड) और साइबिल बैयर (ऑस्ट्रिया) से निजात पाते हुए सानिया फाइनल तक जा पहुँची, किंतु रूसी चाक्वेताद्जे ने एक बार फिर सानिया की चुनौती तोड़ दी (6-3, 6-2)। स्पर्धा का युगल फाइनल सानिया ने पीर को साथ लेकर जीत लिया। फाइनल में जोड़ी ने एन्नाा चाक्वेताद्जे (रूस) व विक्टोरिया अजारेंका को पराजित किया। सानिया की रैंकिंग 31 हो गई।
और एक्यूरा क्लासिक स्पर्धा सेन डिएगो : अपनी युगल साथी शाहार पीर व दानिलदोऊ के बाद स्पर्धा के प्री-क्वार्टर दौर में रूसी दिनारा साफिन को तो सानिया ने हरा दिया, किंतु क्वार्टर फाइनल में एक और रूसी मारिया शारापोवा थीं उनके सामने, और सानिया की हदें यहाँ आकर खत्म हो गईं।
युगल में भी उनकी चुनौती दूसरे दौर में ही खत्म हो गई। इस तरह 2005 से एक्यूरा क्लासिक तक सानिया 23 बार रूसी खिलाड़ियों के मुकाबले में मैदान में उतरीं, सिर्फ 6 बार जीत सकीं। 17 बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। और अभी यह राग-द्वेष खत्म नहीं हुआ है, इसे आगे भी जारी रहना है।
सानिया व विश्व महिला टेनिस के बड़े नाम : एक विशेष बात यह कि सानिया फरवरी 2005 से एक्यूरा क्लासिक (अगस्त 07) तक के अपने इस टेनिस सफर में अपने से ऊँची खिलाड़ियों (रैंकिंग) के विरुद्ध न केवल खेली हैं बल्कि उनमें से कई को शिकस्त देने में भी कामयाब रही हैं।
मसलन फरवरी 05 दुबई ओपन स्वेतलाना कुजनेत्सोवा (तब विश्व में चौथा स्थान), अगस्त 05 सेन डिएगो नादिया पेत्रोवा (तब नौवाँ क्रम), फरवरी 06 फ्लाविया पेनेट्टा (तब 16वाँ क्रम), अक्टूबर 06 सोल मार्टिना हिंगिस (आठवाँ क्रम), जुलाई 07 स्टैनफोर्ड तात्याना गोलोविन (विश्व क्रम 19) व पैट्टी स्नायडर (विश्व क्रम 17) को उन्होंने मात दी।
एशियन गेम्स 2006 में ना ली व होपमैन कप स्पर्धा 2007 में लूसी सेफ्रोवा को भी वे हरा चुकी हैं। बड़े नामों को हराने का बड़ा धैर्य वे अर्जित कर चुकी हैं।