प्रथम तटस्थ अंपायरों की जोड़ी - पीलू रिपोर्टर और वी.के. रामास्वामी (भारत) तटस्थ अंपायरों की सबसे पहली जोड़ी है जिसने 1986 में पाकिस्तान के विरुद्ध दो टेस्ट मैचों में दायित्व निभाया था।
इकलौती हैट्रिक - क्रिकेट के खेल में हैट्रिक करने का रोमांच बेहद उत्साहवर्धक है। समय-समय पर कई तरह से हैटट्रिक करने का रिकॉर्ड उपलब्ध है, टेस्ट मैच में शतक और इसी टेस्ट में हैटट्रिक बनाने का श्रेय मात्र इंग्लैंड के खिलाड़ी जे. ब्रिग्ज को प्राप्त है।
भाइयों द्वारा टीम का नेतृत्व - इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज की क्रिकेट टीमों का नेतृत्व दो भाइयों ने किया है। ए.ई.आर. और ए.एच.एच. गिलिगन ने इंग्लैंड क्रिकेट टीम की, जी.सी. और आरएस ग्रांट ने वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम का नेतृत्व किया है।
जब प्रतिद्वंद्वी कीपर बना - 1901 मे समरसैट-ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय टीमों के बीच खेले गए क्रिकेट मैच में समारसैट टीम के विकेटकीपर ए.पी. जैक हेंग ने ऑक्सफोर्ड के लिए भी विकेट कीपिंग की क्योंकि ऑक्सफोर्ड टीम का विकेट कीपर घायल हो गया था।
शहीद क्रिकेटर - केन फार्नेस और हेडली वेरिटी- दो ऐसे प्रसिद्ध इंग्लिश गेंदबाज थे- जो महायुद्ध में मारे गए थे।
रन से ज्यादा विकेट - भारतीय खिलाड़ी बी.एस. चंद्रशेखर ने अपने टेस्ट कैरियर मे बनाए गए रनों से अधिक विकेट प्राप्त किए। चंद्रशेखर ने टेस्ट मैचों में 166 रन बनाए और 242 विकेट लिए।
एक पारी में दो बार हैट्रिक - रणजी ट्रॉफी में सेना के जे.एस. राव ने 1963 में पंजाब के विरुद्ध अमृतसर में खेलते हए एक ही पारी में दो हैटट्रिक बनाई थी। राव यह कारनामा करने वाले अकेले भारतीय हैं।
एक पारी में दो तिहरे शतक - 1988-89 में पणजी में डब्लू.बी.रमन और ए.कृपालसिंह ने तमिलनाडु की ओर से खेलते हुए गोवा के विरुद्ध क्रमशः 313 और 302 रन के स्कोर बनाए। ये प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैचों में अकेला उदाहरण है जब एक पारी में दो तिहरे शतक बने थे।
दुर्भाग्यशाली शतकवीर - वेस्टइंडीज के ए.गनट्यूम और न्यूजीलैंड के रोडनी हैडमंड दो ऐसे दुर्भाग्यशाली बल्लेबाज हैं जिन्हें अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक बनाने के बाद कभी टेस्ट मैच खेलने का मौका ही नहीं मिला।
गावसकर का रिकॉर्ड - यूँ तो सुनील गावसकर के नाम पर अनेक रिकॉर्ड हैं परंतु एक रिकॉर्ड उल्लेखनीय है। उन्हें अपने टेस्ट जीवन की पहली टेस्ट श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने का श्रेय प्राप्त है। गावसकर ने 1970-71 में वेस्ट इंडीज के विरुद्ध 774 रन बनाए थे।
कम आयु का तिहरा शतक - वेस्टइंडीज के ऑलराउंड सर गैरी सौबर्स को सबसे कम आयु में तिहरा शतक लगाने का गौरव प्राप्त है। सोबर्स ने पाकिस्तान ने विरुद्ध 1957-58 की श्रृंखला के किंगस्टन टेस्ट मैच में 365 रन 21 वर्ष 215 दिन की आयु में बनाए थे।
अद्भुत संयोग - ऑस्ट्रेलिया के बिल वुडफुल ने इंग्लैंड में 1930 और 1934 में एशेज 22 अगस्त की तारीख को ही जीती और दिलचस्प बात यह थी कि यही उनका जन्मदिन भी था।