डेनियल चोपड़ा जब दिल्ली की बात करते हैं तो पुरानी यादों में खो जाते हैं और भारत में जन्मा यह स्वीडिश गोल्फर गुरुवार से शुरू होने वाले इंडियन ओपन का खिताब जीतकर इन यादों में नई कड़ी जोड़ना चाहता है।
चोपड़ा ने पेशेवर के तौर पर भारत में दो बार 1994 में जीत दर्ज की थी। इनमें एक खिताब इंडियन पीजीए चैंपियनशिप का था लेकिन यह 35 वर्षीय गोल्फर कभी राष्ट्रीय ओपन नहीं जीत पाया।
चोपड़ा ने कहा कि मैंने कभी राष्ट्रीय ओपन वाला टूर्नामेंट नहीं जीता। मैं अखिल भारतीय अमेच्योर के फाइनल में हार गया था। मैं केवल तीन बार अखिल भारतीय जूनियर खिताब ही जीत पाया था, इसलिए मैं इंडियन ओपन जीतना चाहता हूँ। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली गोल्फ क्लब में गोल्फरों को खेलते हुए देखकर बड़ा हुआ हूँ। मैं उन खिलाड़ियों से बात करता था जो कट से चूक जाते थे, तब मैं यहां खेलने और खिताब जीतने का सपना देखा करता था और आज मुझे उसे पूरा करने का मौका मिला है।
दो बार के पीजीए टूर विजेता चोपड़ा भारत के उभरते स्टार गगनजीत भुल्लर से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने कहा गगनजीत ने जो हासिल किया है उससे मैं काफी प्रभावित हूँ। मैंने आज उसे कुछ शॉट लगाते हुए देखा और उनकी तकनीक से पता चलता है कि उनके खेल में काफी सुधार हो गया है।