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यूएस को हराकर घाना क्वार्टर फाइनल में

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रस्टेनबर्ग , रविवार, 27 जून 2010 (07:55 IST)
अतिरिक्त समय में असामो जियान के गोल की बदौलत घाना ने विश्व कप में अफ्रीकी चुनौती बरकरार रखते हुए अमेरिका को 2-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया, जहाँ उसका सामना उरुग्वे से होगा।

PTI
पिछले विश्व कप में भी घाना ने ग्रुप चरण के आखिरी मैच में अमेरिका को इसी अंतर से हराकर टूर्नामेंट से बाहर किया था। घाना अंतिम 16 में ब्राजील से हार गया था।

निर्धारित समय तक दोनों टीमों का स्कोर 1-1 से बराबर था, जिसके बाद मैच अतिरिक्त समय तक खिंचा। घाना के लिए केविन प्रिंस बोएटेंग ने पाँचवें मिनट में गोल किया, जबकि अमेरिका के लिए लैंडल डोनोवन ने 62वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर बराबरी का गोल दागा।

अतिरिक्त समय में जियान ने तीसरे मिनट में गोल किया जो निर्णायक साबित हुआ। डिफेंडर कालरेस बोकानेग्रा और जे डिमेरिट को छकाते हुए जियान ने बाएँ पैर से 12 गज की दूरी से जबरदस्त शॉट लगाया, जो अमेरिकी गोलकीपर टिम हावर्ड के ऊपर से निकल गया।

घाना किसी विश्व कप के क्वार्टर फाइनल तक पहुँचने वाली पहली अफ्रीकी टीम है। अफ्रीकी सरजमीं पर पहली बार हो रहे विश्व कप में में घाना एकमात्र अफ्रीकी टीम बची है। नाइजीरिया, कैमरून, अल्जीरिया, आइवरी कोस्ट और मेजबान दक्षिण अफ्रीका लीग चरण से ही बाहर हो चुके हैं।

चार बार के अफ्रीकी चैम्पियन घाना के लिए पाँचवें मिनट में बोएटेंग ने पहला गोल किया। अमेरिकी डिफेंस को भेदते हुए बोएटेंग ने नीचे की ओर जाता शॉट लगाकर लगाकर यह गोल दागा जिस पर हावर्ड बगलें झाँकते रह गए। डोनोवन ने हालाँकि 62वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को भुनाकर अमेरिका को मैच में लौटाया। इससे मैदान पर जमा अमेरिकी प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई जिनमें पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और ब्रिटेन के रॉकस्टार मिक जागेर भी शामिल हैं। इससे पहले क्लाइंट डेम्पसे के पैर पर प्रहार करने के कारण जोनाथन मेंसाह को दूसरा पीला कार्ड दिखाया गया, जिससे वे शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल नहीं खेल पाएँगे।

डोनोवन का विश्व कप में यह पाँचवाँ और 45वाँ अंतरराष्ट्रीय गोल था, जो अमेरिका के लिए रिकॉर्ड है। इंजुरी टाइम में अमेरिकी टीम ने गोल करने के दो सुनहरे मौके गँवाए। इस हार के साथ ही अमेरिका विश्व कप में पिछड़ने के बाद हारने और लगातार दो मैच नहीं जीत पाने का कलंक नहीं धो सका।

दूसरी ओर घाना कैमरून (1990) और सेनेगल (2002) के बाद विश्वकप के क्वार्टर फाइनल में पहुँचने वाली तीसरी अफ्रीकी टीम बन गई। (भाषा)

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