'रेड कार्ड लारिओंडा' का विवादों से पुराना नाता
पेरिस , मंगलवार, 29 जून 2010 (00:06 IST)
जर्मनी और इंग्लैंड के बीच हुए फीफा विश्व कप प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में एक गोल नहीं देख पाने के कारण सुखिर्यों में आए उरुग्वे के रेफरी जॉर्ज लारिओंडा का अतीत में भी विवादों से नाता रहा है।इस मुकाबले में इंग्लैंड के मिडफील्डर फ्रैंक लैम्पार्ड ने शानदार शॉट खेला जो क्रॉसबार से टकराकर तेजी से गोललाइन के अंदर गिरा और फिर बाहर आ गया था। रैफरी लारिओंडा यह नहीं देख पाए और इस गोल की गिनती नहीं की गई जिसकी वजह से इंग्लैंड 2-2 से बराबरी करने से चूक गया।उरुग्वे के लारिओंडा अतीत में भी विवादों में रहे हैं। उन्हें 2002 में अनियमितताओं का दोषी पाया गया था, जिसके बाद उनकी राष्ट्रीय फुटबॉल संघ ने उन पर छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया था। इस वजह से वह 2002 विश्व कप फाइनल्स में जापान और दक्षिण कोरिया के बीच हुए मैच में रेफरी नहीं बन पाए थे।यह 42 वर्षीय कोच विश्व कप 2006 में अमेरिका और इटली के बीच हुए ग्रुप मैच के भी बाद भी सुखिर्यों आया था। इस मैच में उन्होंने दो अमेरिकी सहित कुल तीन खिलाड़ियों को रेड कार्ड दिखाया था। इन्हीं विवादों के चलते उरुग्वे का यह रैफरी ‘रेड कार्ड लारिओंडा’ नाम से भी प्रसिद्ध हुआ।विश्व कप 2006 से पहले ब्राजील और कोलंबिया के बीच हुए क्वालीफायर मुकाबले में लारिओंडा ने एक गोल मानने से इंकार कर दिया था जबकि साफ दिख रहा था ब्राजीलियाई स्ट्राइकर एड्रियानो के शाट पर गेंद गोललाइन पार कर गई थी। (भाषा)