ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्होंने पहली बार साबित कर दिखाया है कि वृद्धि हार्मोन का उपयोग करने वाले एथलीट तेज फर्राटा भर सकते हैं, लेकिन इससे शक्ति या सामर्थ नहीं बढ़ता।
अध्ययन के अनुसार वृद्धि हार्मोन के कारण एथलीट की फर्राटा में तेजी चार से पाँच फीसदी बढ़ सकती है, जो ओलिम्पिक ट्रैक स्पर्धा में पिछले स्थान पर रहने वाले को स्वर्ण पदक धारी तक बना सकती है।
सिडनी के गारवेन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च के प्रमुख अनुसंधानकर्ता प्रोफेसर केन हो ने कहा कि 10 सेकंड में यह चार फीसदी का सुधार 0.4 सेकंड की अवधि हो सकती है, जो एक बड़ा समय अंतराल होगा।
केन ने कहा कि वृद्धि हार्मोन एचजीएस प्राकृतिक हार्मोन है जो शारीरिक क्षमता बढ़ाता है। यह वृद्धि और उपापचय दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने वृद्धि हार्मोन के उपयोग को प्रतिबंधित कर रखा है।
माना जाता है कि इस हार्मोन का एथलिटों द्वारा व्यापक रूप से दुरुपयोग किया जाता है। परिणामस्वरूप माँसपेशियाँ बड़ी होती है और शक्ति, ताकत और क्षमता बढ़ती है।
केन ने कहा कि हालाँकि नए निष्कर्ष वाडा के प्रतिबंध को जायज ठहराते हैं फिर भी वृद्धि हार्मोन के इंजेक्शन से हर क्षेत्र में प्रदर्शन उन्नत नहीं होता है। (भाषा)