Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

शारापोवा ने चुराई रातों की नींद..!

हमें फॉलो करें शारापोवा ने चुराई रातों की नींद..!
FL
रूसी सुन्दरी मारिया शारापोवा इन दिनों न्यूयॉर्क में छायी हुई हैं। यूएस ओपन ग्रैंड स्लैम में अपने करारे रिटर्न और झन्नाटेदार सर्विस ने दूसरी खिलाड़ियों की रातों की नींद चुरा ली है। शारापोवा का तीसरे दौर तक का सफर आसान रहा है और काली आंधी के नाम से मशहूर वीनस विलियम्स की गैर मौजूदगी के कारण उन्हें खिताब के दावेदारों में शुमार किया जा रहा है।

टेनिस के जानकारों का मामना है कि जिस तरह उन्होंने यूएस ओपन की तैयारी वाला कहे जाने वाले सिनसिनाटी ओपन का खिताब जीता है, यही फॉर्म उनका फॉर्म क्ले कोर्ट पर जारी रहता है तो कोई आश्चर्य नहीं कि वे अपने खाते में दूसरा यूएस ओपन और टेनिस करियर का चौथा ग्रैंड स्लैम जीतकर अपने ड्राइंग रूम की शेल्फ में सजाकर रखें।

सनद रहे कि मारिया शारापोवा के खाते में अब तक तीन ग्रैंड स्लैम खिताब यूएस ओपन, विम्बलडन और ऑस्ट्रेलियन ओपन के खिताब दर्ज है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो टेनिस प्रेमी 2011 के यूएस महिला एकल फाइनल में शारापोवा का एक और जलवा देखेंगे। यह फाइनल 9 सितम्बर को खेला जाएगा।

जीवन में बहुत बुरा वक्त भी देखा : आज आप जिस टेनिस सुंदरी के चेहरे पर दीवाने और तूफानी खेल पर रोमांचित हो रहे हैं, क्या उसका अतीत जानते हैं? विलियम्स बहनों की तरह शारापोवा ने भी गुरबत के दिन देखे। आज भले ही शारापोवा की सालाना कमाई 2.5 करोड़ डॉलर सालाना हो लेकिन उनका बचपन बहुत गरीबी में बीता।

भूखा भी सोया है शारापोवा का परिवार : साइबेरिया के न्यागन शहर में 1987 को जन्मी शारापोवा के पिता यूरी बढ़ई का काम किया करते थे, लेकिन इस काम में कोई बहुत ज्यादा पैसा नहीं मिलता था। कई बार परिवार को भूखे भी सोना पड़ता था।

काफेलनिकोव बने भाग्य विधाता : न्यागन शहर में कोई ज्यादा काम नहीं था, इसलिए शारापोवा के पिता यूरी ने रूस के शहर सोची में बसने का फैसला किया। सोची में काफेलनिकोव रहता था, जिसकी दोस्ती यूरी से थी और वह टेनिस की कोचिंग देता था।

यूरी ने अपनी बेटी को बजाय स्कूल भेजने के उसके हाथ में टेनिस का रैकेट थमा दिया। तब मारिया केवल 4 बरस की थी। काफेलनिकोव ने शारापोवा के मन में ऐसा बीज बोया कि आगे चलकर वह ऐसा फलीभूत हुआ कि पूरे परिवार की गरीबी दूर हो गई।

येवजेनी के पिता से सीखे चैम्पियन बनने के गुर : रूस के टेनिस स्टार रहे येवजेनी ने जब तेज तर्रार शारापोवा के खेल को देखा तो उन्हें अपने पिता के हवाले कर दिया जिन्होंने उसे चैम्पियन बनने का गुरुमंत्र दिया।

सेरेना की धमक खत्म की : हरे गलीचे पर खेले जाने वाले विम्बलडन में सेरेना विलियम्स जैसी कद्दावर खिलाड़ी धाक थी। 2003 और 2003 के विम्बलडन में वह महिला एकल की चैम्पियन होने के कारण उनकी तूती बोल रही थी, लेकिन 2004 में किसी ने नहीं सोचा था कि शारापोवा नाम की 17 बरस की रूसी टेनिस सुन्दरी अमेरिकी स्टार पर भारी पड़ेगी और उनके सिर से विम्बलडन का ताज झपट लेगी।

टेनिस सनसनी बनी नंबर वन : 2004 में विम्बलडन चैम्पियन बनने ही पूरी दुनिया के टेनिस प्रेमियों की जुबां पर मारिया शारापोवा का नाम रट गया था। शारापोवा की बाजुओं में गजब की ताकत थी और पैरों में हिरनी जैसी चपलता। उन्होंने एक साल बाद ही दुनिया की नंबर वन महिला टेनिस खिलाड़ी बनने का सम्मान भी हासिल किया।

शारापोवा के दिल में कसक : आज भले ही मारिया शारापोवा टेनिस की राजकुमारी हैं, भले ही उनके बंगले के कांच वाले शेल्फ में ढेरों ट्रॉफियां हैं, लेकिन इसके बाद भी उनके दिल में एक कसक है। शारापोवा ने कहा कि मेरी सभी हसरतें पूरी हों गई है, सिवाय एक के। यह हसरत है रोलां गैरों की लाल बजरी पर चैम्पियन बनने की। जी हां, टेनिस सुन्दरी का इशारा था फ्रेंच ओपन का खिताब, जिससे वे अब तक महरूम है। (वेबदुनिया न्यूज)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi